चोरी में शामिल बदमाश रिमांड पर; आपस में बांट ली थी लहसुन, लावारिस छोड़ भागे थे आयशर
दो चोरों से 28 कट्टे लहसुन बरामद 3 साथियोंं की गिरफ़्तारी के प्रयास
चोरी में शामिल बदमाश रिमांड पर; आपस में बांट ली थी लहसुन, लावारिस छोड़ भागे थे आयशर
Ktg samachar.ujjain. (m.p)
Ripoter shekhar parmar
उज्जैन। लहसुन-सोयाबीन और आयशर चोरी करने वाले 2 बदमाशों को मंगलवार दोपहर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। बदमाशों ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर दोनों वारदात की थी।
एएसपी अमरेन्द्रसिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 3-4 जुलाई की रात ग्राम नलवा में कमलसिंह आंजना के गोदाम से बदमाशों ने 70 बोरी लहसुन के साथ 4 क्विंटल सोयाबीन चोरी कर लिया था। 2 दिन बाद 6 जुलाई को ग्राम चंदूखेड़ी से नितिन जायसवाल की आयशर चोरी कर ले गये थे। चिंतामण पुलिस ने दोनों मामलों में प्रकरण दर्ज कर तलाश शुरू की थी।
जिसमें 2 बदमाशों धर्मेन्द्र पिता अमरसिंह बागरी निवासी आकासौदा और भगवान उर्फ बंटी पिता सेवाराम बागरी निवासी इंगोरिया के गांव बानियाखेड़ी को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की निशानदेही पर 28 कट्टे लहसुन, 4 क्विंटल सोयाबीन और नागदा पेट्रोल पंप के पास खड़ी की गई आयशर को जब्त किया है।
दोनों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने वारदात अपने तीन साथियों भोला निवासी रुपेटा, बल्लू निवासी झांझाखेड़ी और कमल निवासी भाटीसुड़ा के साथ मिलकर की थी। लहसुन पांचों ने आपस में बांट ली थी। डीजल खत्म होने पर आयशर खड़ी कर भाग निकले थे। एएसपी के अनुसार 14-14 लहसुन के कट्टे दोनों बदमाशों के घर से बरामद किये गये हैं। दोनों से बरामद माल की कीमत आयशर सहित 9 लाख 94 हजार सामने आई है।
चिंतामण टीआई जीवन भिंडोरे ने बताया कि मामले का खुलासा करने के बाद दोनों को न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। फरार 3 बदमाशों की जानकारी जुटाई जा रही है।
इनकी रही भूमिका
एएसपी अमरेन्द्रसिंह ने बताया लाखों की चोरी का खुलासा करने में सीएसपी पल्लवी शुक्ला, थाना प्रभारी जीवन भिंडोरे, एसआई नरेन्द्र कनेश, उद्यमसिंह राठौर, एएसआई हरनारायण शर्मा, प्रधान आरक्षक सोमेन्द्र दुबे, सुनील भदौरिया, आरक्षक जीवन कटारिया, सायबर प्रभारी प्रतीक यादव और उनकी टीम की भूमिका रही है।
लहसुन का सौदा करने निकले थे
बताया जा रहा है कि दोनों बदमाश अपने हिस्से की लहसुन का सौदा कम दाम में करने की फिराक में थे। इस बात की जानकारी पुलिस को मिली तो शंका के आधार पर आकासौदा पहुंच धर्मेन्द्र से पूछताछ की। वह बरगलाने का प्रयास करने लगा। उसे हिरासत में लिया तो उसने अपने साथी भगवान का नाम बताकर चोरी करना कबूल कर लिया। दूसरे बदमाश को गिरफ्तार करते ही आयशर चोरी का राज भी सामने आ गया।