विशेष अवसरों पर पौधें भेंट कर पेड़ों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं : के.के.गुप्ता

विशेष अवसरों पर पौधें भेंट कर पेड़ों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं : के.के.गुप्ता

विशेष अवसरों पर पौधें भेंट कर पेड़ों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं : के.के.गुप्ता

- पर्यावरण और जीवन एक दूसरे से जुड़े हैं, पर्यावरण अगर नष्ट हो जाएगा तो जीवन संभव नहीं होगा

KTG समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर,राज

डूंगरपुर। राजस्थान सरकार के पूर्व स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर व डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति के. के. गुप्ता ने प्रदेश वासियों से अपील करते हुए इन दिनों वृक्षारोपण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की हैं। प्रत्येक जन को वृक्ष लगाने की बात कहते हुए गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण को बचाने का अर्थ है, वृक्षों की सुरक्षा करना और हरियाली को नष्ट न करना। पर्यावरण की रक्षा के लिए हमे पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों की सुरक्षा करनी होगी। हमे वृक्षों, जानवरों, पक्षियों, पौधों और पानी को बचाना होगा। जैसे कि हमें पता है पर्यावरण और जीवन एक दूसरे से जुड़े हैं। पर्यावरण अगर नष्ट हो जाएगा तो जीवन संभव नही होगा। भविष्य में धरती पर जीवन व्यापन करने के लिए हमे आज पर्यावरण को बचाना होगा। आज के समय में हमारे वातावरण और जलवायु में बहुत से बदलाव हो रहें हैं। यह बदलाव पृथ्वी पर जीवन के लिए नुकसानदायक है। हमें अपने ग्रह को बचाने के लिए और मानव जीवन की सुरक्षा के लिए एक साथ काम करना होगा। विश्व के सभी देशों को एक साथ आकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा। छोटें और गरीब देश वातावरण के अनुकूल काम करतें हैं और इसकी सुरक्षा में भी पूरा सहयोग देतें हैं। वहीं जो देश विकसित होनें की राह पर हैं, उन्हें अपने पर्यावरण को भी महत्व देना होगा और प्रकृति को बचाने का प्रयास करना पड़ेगा। मनुष्य जीवन पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर होता है। मनुष्य अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरण की मदद लेता है। किसी न किसी प्रकार से मनुष्य आज भी पर्यावरण को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इस्तेमाल करता है। छोटी छोटी बातों को समझ कर और उन्हें अपना कर हम अपनी प्रकृति की सुरक्षा कर सकतें हैं। हम अपनी जरूरत अनुसार साधानों का उपयोग कर सकतें हैं। व्यर्थ में हमें पानी और अन्य चीज़ें बरबाद नहीं करनी चाहिए। हमारे सीखने की शुरूआत घर परिवार से होती है। हमारा घर ही हमारा पहला विद्यालय होता है और परिजन हमारे पहले शिक्षक होते हैं। कई कल्पनिक बातों और कहानियों के ज़रिए हम बच्चों को वातावरण की महत्वता बता सकतें हैं। घर में रखे हर पौधे की जिम्मेदारी घर के हर सदस्य को दे दी जाए, खासकर बच्चों को और उनकों उसका महत्व समझाया जाए। बच्चों को पेड़ों के नाम याद कराने से और उन पेड़ों से मिलने वाले फायदे बता कर बच्चों को पेड़ों की ओर आर्किषत किया जा सकता है। आप घर में पालतू जानवर को भी रख सकतें हैं। ऐसा करने से आप अपने परिवार जनों और जानवरों के बीच एक मजबूत रिश्ता जुड़वां सकतें हैं। कुछ सालों पहले तक बच्चों का प्रकृति के साथ एक रिश्ता होता था। वह अपना समय पेड़ों और जानवरों के साथ बीताते थे पर अब ऐसा नही है। पहले घर बड़ें होते थे और उनमें बगीचे होते थे जिसके अंदर के पेड़ों की जिम्मेदारी बच्चों को दी जाती थी। पर आज सब शहरों में आकर रहनें लगें हैं और घर के अंदर पेड़ों की जगह छोटे पौधों ने ले ली हैं। परिवार में सबको यह बताना होगा कि हर मौसम के हिसाब से अलग फल और सब्जियां होतें हैं। आज के समय में हम चीजों को दोबारा इस्तेमाल नहीं करते हैं। हमनें एक सिद्धांत अपनाया है कि इस्तेमाल करो और फेंकों। हमें लाईट बंद कर देनी चाहिए, अगर उनकी आवश्यकता नहीं है। हमें टपकती हुई टंकी को ठीक कराना चाहिए क्योकि टंकी के टपकने से बहुत पानी बरबाद होता है।