श्रमिकों ने मिल के गेट पर बकाया पैसे नही दिए जाने तक कब्जा किए जाने का लगाया बोर्ड
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। चामुण्डा स्टैंडर्ड मिल के 600 से अधिक श्रमिक बेरोजगार है। कम्पनी वर्ष 2013 से बंद होने से श्रमिक बेरोजगार होकर घर पर भूखे-प्यासे बैठे है। श्रमिकों का कम्पनी पर बकाया वेतन, ग्रेच्युटी और पीएफ का 66 करोड़ का लेना बकाया है जो उनका कानूनी अधिकार बनता है। श्रमिक बाबूलाल मंडलोई एवं केसर सिंह गुर्जर ने बताया कि संयुक्त श्रमिक संगठन के तत्वाधान में एवं प्रदीप चौधरी व इंदर सिंह ठाकुर के नेतृत्व में श्रमिकों की हड़ताल जारी है। श्रमिकों ने सोमवार को कम्पनी के गेट पर एक बोर्ड लगाया है, जिसमें लिखा है चामुण्डा स्टेण्डर्ड मिल बालगढ़ के 600 श्रमिकों का पैसा नही दिए जाने तक मिल की सम्पत्ति पर कब्जा श्रमिकों का रहेगा। एस कुमार कम्पनी के विभिन्न बैंकों से 17 अरब का ऋण ले रखा है और स्वयं को दिवालिया घोषित करने पर लॉ ट्रिब्युनल बम्बई ने लिक्विडेटर ओपी अग्रवाल के माध्यम से 77 एकड़ में निर्मित मील सम्पत्ति मात्र 40 करोड़ में विक्रय कर दी है। जिस पर खरीददार मील की सम्पत्ति पर तोडफ़ोड़ कर कालोनी काट कर प्लाट बेचने का प्रयास कर रहे है। मिल वर्ष 1934 में 99 वर्ष की लीज पर निर्मित है तथा इस अवैध विक्रय को लेकर इंदौर हाइकोर्ट में भी प्रकरण विचाराधीन है। चामुण्डा स्टैंडर्ड मिल के बेरोजगार श्रमिकों ने अपने 66 करोड़ की बकाया धनराशि का भुगतान नही करने पर कंपनी के गेट पर संयुक्त श्रमिकों मोर्चा के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर चामुण्डा स्टैंडर्ड मिल की जमीन पर कब्जा कर लिया है। श्रमिकों ने नागरिकों से अपील की है कि चामुण्डा स्टेण्डर्ड मिल की भूमि पर निर्मित कालोनी में प्लाट या अन्य खरीददारी कर अपने खून-पसीने की कमाई को व्यर्थ बर्बाद नही करे। इस दौरान रामप्रसाद पटेल, मनोहर सिंह गुर्जर, मेहरबान सिंह मालवीय, प्रभाशंकर वाजपेयी सहित अन्य श्रमिक मील की जमीन पर कब्जा कर हड़ताल पर बैठे हुए है।