सही मायनों में कहें तो राजस्थान का सरताज हैं डूंगरपुर : गजेंद्र सिंह शेखावत

सही मायनों में कहें तो राजस्थान का सरताज हैं डूंगरपुर : गजेंद्र सिंह शेखावत

सही मायनों में कहें तो राजस्थान का सरताज हैं डूंगरपुर : गजेंद्र सिंह शेखावत

गांव को स्वच्छ बनाना आज निहायत आवश्यक हैं : के.के.गुप्ता - जल शक्ति मंत्रालय की बैठक में दिए पूर्व सभापति के. के. गुप्ता ने महत्वपूर्ण सुझाव - दिल्ली में बजा डूंगरपुर का डंका KTG समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर,राजस्थान डूंगरपुर। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं जल संचय जल संरक्षण को लेकर जल शक्ति मंत्रालय दिल्ली में बैठक हुई। बैठक केंद्रीय मंत्री जल शक्ति अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई। बैठक में राजस्थान सरकार के पूर्व स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर के.के.गुप्ता पूर्व द्वारा बताया गया कि किस तरह से ग्रामीण स्तर पर घर-घर तक पानी पहुंचाया जा सकता है तथा पानी को किन तरीकों से बचाया जा सकता हैं। ग्रामीण स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन पर अपने अनुभव के आधार पर बताया कि गांव को स्वच्छ करना आज निहायत आवश्यक हैं। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के संयुक्त सहयोग से यह कार्य आसानी से किया जा सकता हैं। स्वच्छता का विजन आमजन के समझ में आना आवश्यक हैं। धीरे-धीरे देश के हर व्यक्ति ने स्वच्छता की तासीर को समझा हैं स्वच्छता केवल स्वास्थ्य कोई ठीक नहीं करती परंतु एक सबसे बड़ा अगर इससे लाभ है तो वह है आदमी की उम्र बढ़ती हैं। देश में गंदगी के कारण जो बीमारियां फैलती हैं स्वच्छता से उन पर प्रतिबंध लगता हैं। मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, बुखार, उल्टी व दस्त जैसी बीमारियों पर क्योंकि स्वच्छता से नियंत्रण किया जा सकता हैं। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता पर कार्य चल रहा है ग्रामीण स्तर पर भी इसे गति देने की आवश्यकता हैं। गुप्ता ने कहा कि एक बार अगर यह कार्य प्रारंभ हो गया तो यह अपने आप गति पकड़ लेगा। ग्रामीण स्तर पर जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण स्वच्छता को लेकर गंभीर हैं। परंतु जिस स्तर पर यह कार्य होना चाहिए वह नहीं हो रहा हैं। सामूहिक प्रयासों से ही यह संभव होगा भारत सरकार और राजस्थान सरकार के प्रयास सकारात्मक हैं परंतु धरातल पर गति देने की आवश्यकता हैं। गुप्ता ने कहा कि जब डूंगरपुर शहर जो कि आदिवासी बाहुल्य जिला है व स्वच्छ बन सकता है सुंदर बन सकता हैं, हरा भरा बन सकता हैं, जलयुक्त बन सकता है तो देश का कोई भी शहर या ग्राम निश्चित रूप से स्वच्छ सुंदर हरा भरा जल्दी बन सकता हैं। केवल हमें निश्चित मापदंडों के आधार पर सभी के सहयोग से इच्छा शक्ति को ध्यान में रखते हुए करना होगा। अगर भारत सरकार इसमें किसी भी प्रकार की गुप्ता से सहयोग के लिए कहती है तो वें सदैव तैयार हैं। डूंगरपुर की स्वच्छता ने डूंगरपुर को राज्य देश एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी हैं। जिसका श्रेय नगर परिषद के कर्मचारियों को एवं शहर की जनता को जाता हैं। स्वच्छता से शहर में पर्यटकों का आवागमन बढ़ा है एवं शहरी विकास भी प्रगति पर हैं। शहर के बच्चे-बच्चे में, बड़े बुजुर्ग में व युवा में स्वच्छता के प्रति जो जागृति है वह कभी कम नहीं हो सकती एवं आने वाले सालों तक डूंगरपुर की स्वच्छता कायम रहेगी। 2 घंटे चली इस बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अतिरिक्त सेक्रेटरी अरुण बरोका, डॉक्टर अनुपमा, प्रभारी स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण राजस्थान नवीन अग्रवाल, डिप्टी सेक्रेटरी स्वच्छ भारत मिशन शहरी रामपाल, उपसचिव स्वच्छ भारत मिशन कपिल चौधरी डायरेक्टर स्वच्छ भारत मिशन के साथ-साथ डूंगरपुर से आए नीरज जैन, गोपाल मित्तल एवं फिनिश सोसाइटी डायरेक्टर सौरभ समेत अधिकारीगण ने भाग लिया। जल संचय - जल संरक्षण हो तो डूंगरपुर जैसा जल शक्ति मंत्रालय की बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने डूंगरपुर के जल संचय जल संरक्षण मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि हमें देश को जलयुक्त बनाना है तो हमें डूंगरपुर निकाय का अनुसरण करना होगा। शेखावत ने पूर्व सभापति के.के.गुप्ता के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जल संचय जल संरक्षण को लेकर गुप्ता का विजन डूंगरपुर निकाय में जल संरक्षण का सूत्र बना। आज हर क्षेत्र में अव्वल डूंगरपुर परिचय का मोहताज नहीं रहा। सही मायनों में कहें तो राजस्थान का सरताज हैं डूंगरपुर। शेखावत ने शहर के पर्यटक स्थलों, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता व शहरी विकास के कार्यों को श्रेष्ठ बताया। गुप्ता द्वारा प्रदेश भर में चलाया जा रहे जल संचय-जल संरक्षण अभियान से जुड़े आमजन : शेखावत डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति के.के.गुप्ता द्वारा प्रदेश भर में चलाए जा रहे जल संरक्षण जल संचय अभियान से आमजन को जुड़ने को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपील की हैं। शेखावत ने कहा कि जलयुक्त देश बनाने के लिए अभियान महत्वपूर्ण है जिसका आमजन को हिस्सा बनना होगा। गुप्ता ने कहा कि जल संरक्षण के लिये हमें अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है जैसे हर इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, फव्वारे या पाईप के बजाय धोने या नहाने के लिये बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।