Mp: बंधुआ मजदूरी कराने शिवपुरी से अपरहत किये  आदिवासी बालक व युवक को ग्वालियर से कराया मुक्त: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी एमपी 

*बंधुआ मजदूरी कराने शिवपुरी से अपरहत किये  आदिवासी बालक व युवक को ग्वालियर से कराया मुक्त* ▪️आरोपी दीना पण्डित भी पकड़ा ▪️शिवपुरी व ग्वालियर पुलिस का संयुक्त आपरेशन चला रात को  ▪️सहरिया क्रांति ने दिया पुलिस को  धन्यवाद

Mp: बंधुआ मजदूरी कराने शिवपुरी से अपरहत किये  आदिवासी बालक व युवक को ग्वालियर से कराया मुक्त: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी एमपी 
सहरिया क्रांती के लीडर संजय बेचैन के साथ पीड़ित आदिवासी


शिवपुरी। 
5 दिसम्बर को शिवपुरी शहर के ठकुरपुरा से गुण्डई अंदाज में एक सफेद बुलेरो से आए आठ दस लोगों ने नाबालिग अनिल सहरिया व 25 वर्षीय सूरज आदिवासी को दिनदहाड़े मारते पीटते अपहृत करके ले गए थे। मामले की जानकारी सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने तत्काल शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को दी उन्होंने मामले को गम्भीरता से लेते हुए कोतवाली थाना प्रभारी सुनील खेमरिया तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए। कोतवाली पुलिस ने बिना देर किए इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कायमी कर एक टीम गठित की जो देर शाम ही ग्वालियर के लिए रवाना हो गई और तिघरा पुलिस के सहयोग से कुलैथ गांव दबिश दी जिसमें पुलिस देखकर आरोपी भाग खड़े हुए वहीं बंधक बने अनिल आदिवासी व सूरज को पुलिस ने उन्हीं के खेत से बरामद किया। अगली सुबह मुखबिर की सूचना पर इस मामले के मुख्य आरोपी दीना पण्डित को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
विदित है कि शिवपुरी जिले में गरीब आदिवासियों को बंधुआ मजदूरी से मुक्ति दिलाने सहरिया क्रांति संभाग स्तर पर अभियान चला रही है जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। 
यह था मामला
बुरी तरह डरा और घबराया हुआ सुन्दर आदिवासी आज दोपहर सहरिया क्रांति संयोजक के निवास पर अपने परिवार सहित आया और अपनी आपबीती सुनाते हुए फू ट.फू टकर रोने लगा। रोने का कारण था उसके 6 साल के बेटे व बहनोई को दबंग बलपूर्वक उसके ठकुरपुरा स्थित घर से मारते पीटते हुए गाड़ी में डालकर अपहरण कर ले गए। आरोपी संख्या में 8 से 10 थे। पूरा मामला समझकर सहरिया क्रांति संयोजक द्वारा शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह को इसकी जानकारी दी जिसे गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने कोतवाली पुलिस को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
15 साल से बंधुआ था परिवार
सुन्दर आदिवासी ने पूरा मामला बताते हुए कहा कि आज से  लगभग  15 साल पहले  वह खंडा कि खदान पर खंडा तोडऩे मजदूरी करने अपनी पत्नी गुड्डी आदिवासी व पुत्र दीपू 5 साल एवम पुत्री कल्लो 6 माह के साथ ग्वालियर के कुलैथ गया था तभी कुछ दिन बाद उसी गाँव का निवासी दीना पंडित पुत्र गया प्रसाद आया व उसे  बातों  में लेकर बोला कि तू अगर मेरे खेत पर काम करेगा तो तुझे  2 बीघा खेत व एक गाय दूंगा साथ ही साल के 60 हजार रूपये मजदूरी दूंगा। सुंदर उसके यहाँ काम करने तैयार हो गया, खेत पर ही उसने  झोंपड़ी डालकर अपने परिवार के साथ रहना शुरू कर दिया।  
सुंदर आदिवासी ने बताया कि वायदे अनुसार उसने मजदूरी के पैसे  60 हजार रूपये 2 साल तक तो दिए लेकिन  उसके बाद उसने के रूपये देना बंद कर दिया साथ ही बलपूर्वक उसकी  पत्नी गुड्डी व पुत्र दीपू को भी बंधुआ मजदूर बना लिया। इस परिवार को 15 साल बंधुआ मजदूर बनाये रखा उसने बताया कि हमें बासा बुसा खाना पीना देते थे व पूरे परिवार को कभी भी एक साथ शिवपुरी नहीं आने देते थे। अमानुषिक यातना से तंग आकर वो स्वयम व उसका परिवार लगभग 15 दिन पहले देवठान के पहले वहां से भागकर कुलेथ के जंगल में भूखे प्यासे छुपे रहे व छुपते छुपाते 3 दिन बाद शिवपुरी अपने घर ठकुरपुरा पहुंचे सुन्दर ने बताया कि  हम दोनों पति पत्नी कल 5 दिसम्बर को जब अमानी पर बेलदारी करने गए थे तभी एक सफेद कलर कि बोलेरो गाड़ी में दीना पंडित का छोटा भाई पप्पू सहित लगभग 8.10 लोग उसके  घर ठकुरपूरा आये, घर में घुसकर गाली गलोच करने लगे। बच्चों से पूछा कहां है तेरा बाप जब उन्होंने पता बताने में असमर्थता जताई तो घर में मिले बहनोई सूरज को जातिसूचक गलियां देकर लाठियों व लात घूसों से पीटते हुए जबरन गाडी में डाल लिया उसके बाद सुन्दर किबेटे दीपू को गिरेवान पकडकर गाडी में डाल लिया व अपहरण कर ले गए। बोले जब तक सुंदर व उसकी लुगाई हमारे यहाँ काम पर नहीं आयेंगे तब तक इनको नहीं छोंडग़े। 
ऐसे हुई कार्यवाही
पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल का निर्देश मिलते ही कोतवाली टीआई सुनील खेमरिया ने फरियादी के आवेदन पर धारा 363, 365 और बंधुआ मजदूरी अधिनियम के तहत कायमी की इसके बाद एक टीम गठित कर रात को ही उसे कुलैथ गांव भेजा। बताया जाता है कि कुलैथ गांव में दबंगों का दबदबा चलता है और रात को पुलिस तक वहां जाने में हिचकती है, ऐसे में तिघरा पुलिस का सहयोग लेकर शिवपुरी के टीआई सुनील खेमरिया ने रात को ही बगैर समय गंवाए आरोपियों के यहां दबिश दे डाली। पुलिस को देख भगदड़ मच गई व सभी आरोपी भाग खड़े हुए, तभी खेत में कम्बल ओढ़े खड़े अनिल और सूरज पर पुलिस की नजर पड़ी और उन्हें बरामद कर अपने साथ ले आए। अगली सुबह मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी दीना पण्डित को ग्वालियर से धर दबोचा है।