प्रदेश में पांचवे स्थान पर टॉपर रहते हुए भी, संध्या यादव नहीं बन पाई मामूली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।

जैसा कि आप जानते हैं शिवपुरी जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विगत कुछ दिनों पूर्व, रिक्त पदों पर भर्ती होने की विज्ञप्ति सामने आई थी उसी और योग्यता सिद्ध करते हुए महिलाओं ने आवेदन प्रस्तुत किए थे जिसका रिजल्ट आ चुका है और बहुत से ऐसे स्थान हैं जिनका रिजल्ट अभी भी अटका हुआ है उसी बीच में एक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती हुई प्रतिभा नजर आती दिखाई दे रही है।

प्रदेश में पांचवे स्थान पर टॉपर रहते हुए भी, संध्या यादव नहीं बन पाई मामूली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।

शिवपुरी KTG समाचार ब्यूरो रिपोर्ट: 

ख़बर शिवपुरी जिले की बदरबाश तहसील के ग्राम अलाबदी से आ रही है जहां निवासी संध्या यादव ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकर्ता के पद पर जगह निकली थी. जिसमें साधना शर्मा ने कार्यकर्ता के पद पर फॉर्म भरा था. लेकिन उनकी भर्ती में मार्कशीट और अनुभव प्रमाण पत्र गलत प्रस्तुत किए गए थे. जिसकी जांच कराई जाए. वहीं साधना शर्मा बीपीएल की पात्रता में भी नहीं आती हैं उनके पति के नाम पर अचल संपत्ति है. पूर्व में भी साधना शर्मा की भर्ती निरस्त हो गई थी. साधना शर्मा द्वारा जो दस्तावेज प्रस्तुत किए थे और अभी जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं. उनका मिलान किया जाना अति आवश्यक है. संध्या यादव ने बताया कि साधना शर्मा से अंको से अधिक पात्रता रखती हैं. साधना शर्मा की अंकसूची की विशेष रूप से जांच कराई जाए. साधना शर्मा चयन कार्यकर्ता के पद प्रथम स्थान पर हुआ एवं सहायिका सूची में चौथे स्थान पर है. इसकी जांच कराई जाए. साधना शर्मा ने 2017 में 12वीं का एग्जाम दिया था. जिसमे संध्या यादव का प्रदेश में प्रावीण्य में पांचवा स्थान आया था. वहीँ जिले में तीसरा स्थान रहा था परंतु संध्या यादव इतनी प्रतिभासील होने के बावजूद एक मामूली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए दर-दर भटक रहे हैं और अपनी प्रतिभा को साबित करने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है परंतु वही प्रतिभा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। जिसकी जांच के लिए संध्या शर्मा ने आपत्ति प्रस्तुत की है।

*अगर जांच होती है तो कई खुलासे सामने आ सकते हैं* = जैसे कुछ स्कूलों में लेनदेन के माध्यम से आनन फानन कर उच्च अंक दर्शाते हुए फर्जी मार्कशीट बनाई गई है उनका खुलासा भी हो सकता है एवं उसके साथ यह सब सैटल कराने वाले आंगनवाड़ी अधिकारी का भी हाथ हो सकता है। जो निष्पक्ष जांच के बाद ही साबित हो सकता है।