पॉलीथिन पर भारी पड़ेगी नारी शक्ति

पॉलीथिन पर भारी पड़ेगी नारी शक्ति

पॉलीथिन पर भारी पड़ेगी नारी शक्ति

नगरपरिषद की महिला संस्थान बना रही है रोज 1 हजार कपड़ों की थैलियां

Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर,राज

डूंगरपुर - कहते है कि नारी अगर सोच ले तो वो कुछ भी कर सकती है और अब हमारे शहर की नारियों ने भी शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने की सोच ली है। नगरपरिषद की सहसंस्था उन्नति संस्थान जो कि महिलाओ की संस्था है वह अब परिषद के 'पॉलीथिन मुक्त शहर' अभियान को सफल बनाने में लगी हुई है। परिषद के सभापति अमृत कलासुआ और आयुक्त नरपत सिंह राजपुरोहित के निर्देश पर महिला संस्थान ने शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने हेतु साड़ियों से कपड़ों की थैलियां बनाना शुरू किया है। संस्थान की महिलाओ ने रोजाना 2 हजार कपड़ों की थैलियां बनाने का लक्ष्य रखा था पर वर्तमान में एक दिन में 1 हजार थैलियां संस्थान में बन रही है और महिलाओ को थैलियां बनाने हेतु प्रति थैली आर्थिक सहयोग भी मिल रहा है जिससे महिला स्वरोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर भी बन रही है और साथ ही शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने का कार्य कर रही है। महिलाओ के इस अभियान में नगरपरिषद ने महिलाओ की संस्था को सिलाई मशीन देकर कपड़ों की थैलियां बनाने का कार्य दिया गया और संस्थान से जुड़ी 25 से अधिक महिलाए इस कार्य से जुड़ी हुई है जो कपड़ों की कटिंग,थैली का हैंडल बनाना सहित थैली बनाने का कार्य कर रही है और यही महिलाए व्यापारियों की मांग पर उन्हें कपड़ों की थैली उपलब्ध कराकर शहर में पॉलीथिन मुक्त अभियान को नगरपरिषद का सहयोग कर रही है। परिषद के सहायक अभियंता विकास लेगा ने बताया कि नगरपरिषद सरकार द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन केरी बैग्स का विकल्प ढूंढ़ रही थी और परिषद ने शहर की 50 महिलाओ के समूह को कपड़ों की थैली बनाने की जिम्मेदारी दी और महिलाओ ने इस अभियान में रोजाना 1 से 2 हजार थैली बनाने का लक्ष्य लिया और आज ये महिलाए नगरपरिषद के सहयोग से प्रतिदिन 1 हजार से अधिक साड़ियों से थैलियां बना रही है। उन्होंने बताया कि शहर की नारी शक्ति प्रतिबंधित पॉलीथिन पर भारी पड़ रही है,निश्चित ही शहर की कुछ महिलाओ द्वारा इन महिलाओ को पुरानी साड़िया भेट कर शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने में सहयोग कर रही है । सभापति अमृत कलासुआ ने बताया कि नगरपरिषद की सहसंस्था शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने में पुरानी साड़ियों से कपड़ो की थैलिया बना रही है इससे शहर पॉलीथिन मुक्त तो बन ही रहा है साथ ही महिलाओ को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने शहर की महिलाओ से अपील करते हुए कहा कि घरो से निकलने वाली पुरानी साड़ियों को फेके नहीं उसे संस्था में देवे जिससे उन साड़ियों से कपड़ो की थेलिया बनायीं जा सके।