किसान एकता संघ मध्यप्रदेश ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन-गंगा

किसान एकता संघ मध्यप्रदेश ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन-गंगा

किसान एकता संघ मध्यप्रदेश ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन-गंगा
किसान एकता संघ मध्यप्रदेश ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन-गंगा

किसान एकता संघ मध्यप्रदेश ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन-गंगा

KTG SAMACHAR Sidhi Madhya Pradesh 


कोरोना काल का कृषि,बिजली बिल,बैंक ऋण माफ सहित कृषि कानून में संशोधन किये जाने की किया मांग

- किसान एकता संघ मध्यप्रदेश ने अपने-अपने जिला स्तर पर विभिन्न मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा है।वहीं प्रदेशाध्यक्ष गंगा प्रसाद पाण्डेय जी तत्वावधान एवं मौजूदगी में संगठन के समस्त पदाधिकारियों के साथ जिला कलेक्टर सीधी को माननीय राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।वहीं सौंपे गये ज्ञापन में गुजारिश बतौर मांग किया है कि हम भारत के किसान बहुत दुखी हैं जिसकी वजह से हम अपने देश के राष्ट्रपति के नाम उक्त ज्ञापन सौंप रहे हैं।
सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने कहा है कि माननीय आप जानते हैं कि हम सरकार से दान नहीं मांग रहे हैं,बस हम अपनी मेहनत का सही दाम मांग रहे हैं।क्योंकि फसल के दाम में किसान की लूट के कारण खेती घाटे का सौदा बन गई है,किसान कर्ज में डूब गया है और पिछले 30 साल में 4 लाख से अधिक किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसलिए हमने बस इतनी सी मांग रखी थी कि किसान को स्वामीनाथन कमीशन के फार्मूले (सी2+50%) के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी पूरी फसल की खरीद की गारंटी मिल जाए।परंतु इस पर अपना वादा पूरा करने की बजाय सरकार ने "दुगनी आय" जैसे झूठे जुमले आपके अभिभाषण में डालकर आपके पद की गरिमा को कम किया है।
आखिरकार राष्ट्रपति महोदय जी पिछले सात महीने से भारत सरकार ने किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए लोकतंत्र की हर मर्यादा की धज्जियां उड़ाई है,वहीं देश की राजधानी में अपनी आवाज सुनाने के लिए आ रहे अन्नदाता का स्वागत करने के लिए इस सरकार ने हमारे रास्ते में पत्थर लगाए, सड़कें खोदीं,कीलें बिछाई,आंसू गैस छोड़ी,वाटर कैनन चलाए,झूठे मुकदमे बनाए और हमारे साथियों को जेल में बंद रखा,जबकि किसान के मन की बात सुनने की बजाय उन्हें कुर्सी के मन की बात सुनाई।दरअसल बातचीत की रस्म अदायगी की,फर्जी किसान संगठनों के जरिए आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की,आंदोलनकारी किसानों को कभी दलाल,कभी आतंकवादी,कभी खालिस्तानी,कभी परजीवी और कभी कोरोना स्प्रेडर तक कहा,इतना ही नहीं बल्कि मीडिया को डरा-धमकाकर और लालच देकर किसान आंदोलन को बदनाम करने का भी अभियान चलाया गया, किसानों की आवाज उठाने वाले सोशल मीडिया एक्टिविस्ट के खिलाफ बदले की कार्यवाही करवाई गई,हमारे 500 से ज्यादा साथी इस आंदोलन में शहीद हो गए,आपने निश्चित ही सब कुछ देखा और सुना होगा।
अतः हम सब किसान अपनी विभिन्न मांग जैसाकि- तीनों कृषि विरोधी अध्यादेश रद्द करना,सभी कृषि फसल उत्पादकों की लागत से डेढ गुना(सी2+50%)पर फसल खरीदी गारंटी देना,बिजली बिल संशोधन वापस लेना,मध्यप्रदेश के सभी किसानों का बैंक ऋण माफ कर कर्ज मुक्त करना,केंद्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर पूरे कृषि उत्पादन की मध्यप्रदेश में खरीदी सुनिश्चित करना,पूर्व भावान्तर और फसल बीमा की बकाया राशि तत्काल भुगतान कराया जाना बिजली की समस्या  सहित इत्यादि मांगो को उल्लेखित कर जिला कलेक्टर सीधी को ज्ञापन सौंपा है।
इनकी रही है उपस्थित:- तेजबहादुर सिंह परिहार प्रदेश महामंत्री,आर्दश शुक्ला संम्भागीय संरक्षक रीवा,अनिल कुमार द्विवेदी जिलाध्यक्ष सीधी,मुकेश त्रिपाठी युवा जिलाध्यक्ष किसान एकता संघ सीधी,यज्ञनारायण राष्ट्रीय महामंत्री,देवेंद्र सिंह चौहान प्रदेश महामंत्री सहित इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।