जो ईश्वर में विश्वास करता है, वह कभी निराश नही होता
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। ए प्राणधारी इंसान तू दुनिया में आया था परम अर्थ हासिल करने के लिए, परंतु फिजूल कामों में लग गया। रावण समझता था कि मेरे पास सोने की लंका है। कुदरत की ताकतों को अपने कब्जे में कर लिया था। परंतु रावण का क्या हुआ वह मूर्ख था क्या ले गया पैदा होते जिस्म साथ आता है, परंतु वह भी साथ नही जाता है। श्रीराम मंदिर इटावा में श्राद्ध पक्ष में आयोजित श्रीमद भागवत कथा को प्रारंभ करते हुए पं. इंद्र भानु प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि ईश्वर में विश्वास पैदा हुई आशा और इस विश्वास से पैदा हुई आशा की जो ईश्वर करता है वह हमारे भले के लिए करता है। यह आशा दुनिया की सारी बुराइयों, सारी समस्याओं का मुकाबला करत है पर कभी किसी के प्रति कटु नही होने देती। इस आशा के जड़ में दुनिया के प्रत्येक प्राणी के लिए प्यार रहता है। जो ईश्वर में विश्वास करता है, उसे कभी निराश नही होना पड़ता। कथा में पूर्व मंत्री दीपक जोशी, महाकाल मंदिर के महेश पुजारी, भाजपा नेता मदनलाल कहार, समाजसेवी रमेश कुमार अग्रवाल, मनीष पनवार, महेश व्यास, वीरेन्द्र ठाकुर उज्जैन ने उपस्थित होकर भागवत पुराण ग्रंथ का पूजन कर पंडित जी का शाल-श्रीफल से स्वागत कर अपने हाथों से महाआरती की।