झांझ-मंजीरे के साथ राम धुन गाकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे चामुण्डा स्टैण्डर्स मिल के श्रमिक
गुरुवार तक मांगे पूरी नही होने पर महिला एवं बच्चों के साथ पहुंचेंगे कलेक्ट्रेट
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम की रामधुन झांझ मंजीरे के साथ गाकर चामुण्डा स्टैण्डर्स मिल कंपनी बालगढ़ के श्रमिक संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। कंपनी श्रमिक बाबूलाल मंडलोई एवं केसरसिंह गुर्जर ने बताया समस्त श्रमिक प्रदेश कांग्रेस महामंत्री प्रदीप चौधरी एवं समाजसेवी इंदर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बालगढ़ में बंद पड़ी मिल पर एकत्रित हुए। कम्पनी मालिक द्वारा बालगढ़ स्थित 70 बीघा से अधिक जमीन किसी कालोनाईजर को बेच दी गई है। जिसकी किमत अरबों रूपए है। विगत दिनों से कालोनाईजर द्वारा कम्पनी में तोडफ़ोड़ का कार्य चल रहा था। जिसका श्रमिकों ने सोमवार को हड़ताल व प्रदर्शन के दौरान विरोध किया और कार्य रूकवाया। मौके पर उपस्थित प्रदीप चौधरी व श्रमिकों ने कहा कि जब तक हमारा हिसाब नही हो जाता कम्पनी में किसी प्रकार की तोडफ़ोड़ नही करने दी जाएगी। श्रमिकों ने कम्पनी की जमीन पर कब्जा कर लिया है। तोडफ़ोड़ में लगे मजदूर और ठेकेदार को भी श्रमिकों ने मौके से कम्पनी से स्वागत व सत्कार कर बाहर निकाल दिया। करीब एक घंटे की बहसबाजी के बाद कार्य रूका। तत्पश्चात समस्त श्रमिक वाहन रैली के रूप में मीरा बावड़ी पर एकत्रित हुए। वहां से पैदल झांझ मंजीरे के साथ रामधुन गाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। जहां कुछ देर तक भजन-कीर्तन करने के बाद नायब तहसीलदार पूजा चौहान को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन पश्चात श्रमिकों ने कहा कि यदि गुरूवार तक हमारे बकाया रूपए नही दिए जाते तो हम पुन: हमारे घर की माता, बहने एवं बच्चों के साथ थाली बजाकर शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी। श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि यदि किसी प्रकार की बंद मील में तोडफ़ोड़ की गई और इस दौरान कुछ अनहोनि होती है तो इसकी जिम्मेदारी भी प्रशासन एवं संबंधित जवाबदारों की रहेगी। इस प्रदर्शन के दौरान कम्पनी श्रमिक सुमेर सिंह गुर्जर, प्रभाशंकर वाजपेयी, बाबूलाल पटेल, गोरधन देसाई, तेजराम मुकाती, मनोहर पहलवान, अरुण, ओमप्रकाश सूर्यवंशी, रामसिंह अंधेरिया, चेतन गुर्जर, दीपक जाटवा, ओमप्रकाश शगरवंशी, रामप्रसाद पटेल, विशाल भाटिया, अरूण लोधवाल, छोटू सिंह गुर्जर, दशरथ शिंदे, मेहरबान सिंह मालवीय सहित बड़ी संख्या में श्रमिकों अपना विरोध दर्ज कराया।