फिर बढ़ने लगा कोरोने का खतरा, विद्यालय खोलने का निर्णय गलत - श्री अग्रवाल

फिर बढ़ने लगा कोरोना का खतरा, विद्यालय खोलने का निर्णय गलत- श्री अग्रवाल

फिर बढ़ने लगा कोरोने का खतरा, विद्यालय खोलने का निर्णय गलत - श्री अग्रवाल

फिर बढ़ने लगा कोरोना का खतरा, विद्यालय का खोलने का निर्णय गलत- श्री अग्रवाल

kTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश


देवास। प्रदेश लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को स्कूल खोलने की इतनी जल्दी क्यों थी। सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल अग्रवाल ने बताया कि स्कूल खोलने का निर्णय एक बहुत बड़े दबाव व स्कूल माफिया के दबाव में लिया गया है। इस निर्णय को अभिभावक कभी भी माफ नहीं करेंगे। स्कूल माफिया फीस के दबाव में स्कूल खुलवाना चाह रहे है और कोरोना वायरस के मरीज पुनः बढ़ने लगे है। शासन-प्रशासन एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री को स्कूल खोलने से पहले सोचना चाहिए था। इस तरह के निर्णय निश्चित रूप से कैबिनेट में ही लेना चाहिए था। स्कूल खुलने के बाद जहां विद्यालयों की तानाशाही बढ़ने लगी है। ऐसा ही एक मामला तक्षशिला स्कूल उज्जैन का सामने आया। इस स्कूल के सामने जहां प्रशासन पंगु बना रहा। शासन के प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी फीस देने के बाद भी स्कूल प्रशासन टीसी देने से मना करता है। तक्षशिला स्कूल के आगे प्रशासन नतमस्तक रहा। उज्जैन के जिला शिक्षा अधिकारी को गेट के अंदर घुसने नहीं दिया। यह हमारे प्रशासन का नियम है या शासन की व्यवस्था। ऐसे स्कूलों की शासन को मान्यता समाप्त करने की अनुशंसा करना चाहिए। साथ ही मप्र शासन ने स्कूल खोलने का जो निर्णय लिया है। यहां काफी गलत और छात्रहित में नही है। इस निर्णय पर सरकार को पुनः विचार करना चाहिए।