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दवाई उद्योग की मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि संघ की छवि खराब करने का प्रयास- श्री ठाकुर
स्वार्थ सिद्धि के लिए कुछ लोग फैला रहें हैं भ्रम
देवास। शहर की जानी मानी सनफार्मा कंपनी में कार्यरत मजदूरों के हित में सदैव कार्य कर उनके अधिकारों की रक्षा करने वाली ड्रग्स एण्ड फार्मास्युटिकल एम्प्लाइज यूनियन जिला देवास एक मान्यता प्राप्त संघ हैं। संघ के प्रधान मंत्री राजेन्द्र सिंह ठाकुर (राजा ठाकुर) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सन फार्मा प्रबंधन एवं यूनियन के बीच हुए प्रतिवर्षानुसार इस बार भी ऐतिहासिक वेतन वृद्धि समझौता हुआ हैं। लेकिन बावजूद इसके श्रमिकों का अहित करने की मानसिकता रखने वाले कुछ कथित व्यक्ति स्वयं की स्वार्थ सिद्धि के लिए गैर कानूनी ढंग से धरना प्रदर्शन कर यूनियन छवि को खराब कर श्रमिकों में भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहें हैं। साथ ही इनके द्वारा आरोप लगाया जा रहा हैं, कि यूनियन द्वारा प्रबंधन के साथ मिलकर कंपनी के चार लोगों का स्थानांतरण सनफार्मा के अन्य प्लांटो में करवाया गया हैं। जबकि यह आरोप पूर्णत: निराधार हैं, जो स्थानांतरण कंपनी द्वारा किए गए हैं, उन्हें माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी वैध व उचित बताया हैं।
यूनियन द्वारा हमेशा श्रमिकों के हितों की लड़ाई लडक़र उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास किया गया हैं। कंपनी में सभी श्रमिकों को अधिकतम वेतनमान के साथ अन्य आवश्यक सुविधाएं प्राप्त है। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान बिछड़ने वाले श्रमिक भाइयों के परिवार को कंपनी द्वारा 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई हैं। इसके अलावा श्रमिक बंधुओं को मेडिक्लेम की सुविधा भी प्राप्त है जिसके अंतर्गत वह 1 करोड़ तक का उपचार लाभ ले सकते हैं।
इस सबके बावजूद कुछ कथित व्यक्ति द्वारा संघ के प्रधानमंत्री राजा ठाकुर का नाम लेकर जो भ्रामक प्रचार किया जा रहा हैं। यह लोग प्रतिष्ठित संगठन के बैनर तले बैठकर संगठन की छवि भी धूमिल कर रहे हैं। हमारा संघठन के प्रदेशाध्यक्ष से भी अनुरोध हैं कि इस तरह की गतिविधियों को अविलम्ब समाप्त करें और ऐसे फर्जी व्यक्ति पर उचित कार्यवाही करें। संघ द्वारा बताया गया कि अभी हालही में हुए वेतन वृद्धि समझौते में प्राप्त आर्थिक लाभों से श्रमिक पूर्णतया: संतुष्ट हैं तथा सभी ने लाभ प्राप्त किए हैं। हमारा स्थानीय प्रशासन से भी अनुरोध हैं कि न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के बावजूद भी जिस तरह गैर कानूनी ढंग से प्रदर्शन कर यह लोग प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास कर औद्योगिक शांति भंग करना चाहते हैं। इनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएं।