बंद पड़ी मिल को लेकर संयुक्त श्रमिक मोर्चा संगठन के आव्हान पर हुआ प्रेसवार्ता का आयोजन
- 23 दिसंबर को लिक्विलेटर और कलेक्टर के साथ होगी श्रमिकों की बैठक
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। बालगढ़ में 9 वर्षो से बंद पड़ी चामुण्डा स्टेण्डर्ड मिल के श्रमिकों ने संयुक्त श्रमिक मोर्चा संगठन के आव्हान पर सोमवार को प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। बाबूलाल मंडलोई ने बताया कि विगत दिनों हमारे द्वारा एक आंदोलन किया गया। जिसके बाद जिला कलेक्टर एवं कम्पनी खरीदने वाले मालिक की प्रतिक्रिया मीडिया के माध्यम से सामने आई। उसका खण्डन करने के लिए प्रेसवार्ता मिल के अंदर स्थित श्री गणेश मंदिर परिसर में आयोजित की गई। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रदीप चौधरी ने कहा कि आंदोलन व प्रदर्शन करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य नही है। हमारी मांग है कि मिल में कार्यरत 453 मजदूरों को ग्रेच्युटी एवं हक का पूरा पैसा मिलना चाहिए। हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार चामुण्डा स्टैंडर्ड मील की जमीन बेचकर हिसाब किया जाना चाहिए। हमें कोई संगठन से मतलब नहीं है। हमें हमारी मील की जमीन से ही मतलब है, वह भी बेच दी गई है। सारी सम्पत्ति का पैसा कोर्ट के माध्यम से जमा भी करा दिया गया है। समस्त मजदूरों को 5 किश्त प्रथम किश्त 20 हजार, द्वितीय किश्त 15 हजार, तीसरी किश्त 15 हजार, चतुर्थ किश्त 5 हजार एवं पांचती किश्त 5 हजार की डाली गई है। ठेकेदार द्वारा यह भी दर्शाया गया है कि मैनें श्रमिको को पूरा पैसा दे दिया है जो कि कोर्ट के माध्यम से दिया गया है। अभी तक श्रमिकों का बोनस एवं ग्रेज्यूटी एवं पगार की छुटटी के पैसे लेना शेष है। दो वर्ष तक हाजरी रजिस्टर में लगाई गई है, उसका पैसा भी मजदूरों को प्राप्त नही हुआ है। श्री चौधरी ने स्थानीय विधायक से भी निवेदन किया कि वे भी श्रमिकों की मांगों को सुने और शीघ्र निराकरण करे, क्योंकि शहर के हर एक नागरिक की समस्या का निराकरण करना उनका प्रमुख कर्तव्य है। चौधरी ने कहा कि 23 दिसंबर को लिक्विलेटर अग्रवाल और जिला कलेक्टर के साथ श्रमिकों की बैठक भी होना है। बैठक में यदि निराकरण होता है तो श्रमिकों की हड़ताल समाप्त हो जाएगी। अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। पूर्व पार्षद इंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि जब तक श्रमिकों लेन देन नही किया जाता है जब तक कंपनी की जमीन को नहीं छोड़ेंगे। कम्पनी प्रबंधन द्वारा 50 लोगों को रिटायरमेंट की गलत तारीख दर्शायी गई। इसकी जाँच की जाकर श्रमिकों के खाते में राशि नहीं डाली गई। जो पीएफ काटा गया वह भी श्रमिकों को प्राप्त नहीं हुआ। अगर वह पीएफ श्रमिकों के खाते में डाला जाता है तो प्रति श्रमिक को 7 हजार का फायदा मिलेगा। इतने वर्षो के बाद भी लिक्चीलेटर ने यह नहीं बताया कि श्रमिकों को कितना पैसा दिया जायेगा और कितना प्रति मजदूरों का बना है। जब तक श्रमिकों को इस जमीन पर मजदूरों के हित में हिसाब क्लीयर नहीं होता है तब तक श्रमिक आंदोलन जारी रखेंगें एवं उक्त कंपनी की जमीन पर कब्जा नहीं करने देगें। इस दौरान तेजराम मुकाती, केसर सिंह पहलवान, तेजकरण मुकाती, मनोहर पहलवान, प्रभाशंकर बाजपेयी सहित बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।