वीरांगना रानी दुर्गावती का 459 वां बलिदान दिवस गोंड समाज महासभा ने मनाया
वीरांगना रानी दुर्गावती का 459 वां बलिदान दिवस गोंड समाज महासभा ने मनाया
वीरांगना रानी दुर्गावती का 459 वां बलिदान दिवस गोंड समाज महासभा ने मनाया
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। सार्वजनिक वीरांगना महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी गोंड महासभा शहर इकाई द्वारा मनाया गया। महासभा के दयाल सिंह उइके ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ रानी दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उसके पश्चात आराध्य बड़े देव की गोंडी रीति अनुसार पूजा पाठ किया जाकर सामूहिक रूप से समाज जनों ने आरती की। भव्या अहाके, जिया मरावी, जीवा मरावी ने बड़े देव की स्तुति की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ब्लॉक बरघाट जिला सिवनी के आदिवासी नेता तीरथ सिंह बट्टी ने गोंडी भाषा में उद्बोधन दिया। पहली बार उक्त कार्यक्रम में किसी वक्त आने गोंडी भाषा में भाषण देते हुए रानी दुर्गावती के इतिहास और उनके बलिदान की गाथा संपूर्ण बताते हुए समाज को उनसे सीख लेने हेतु समाज जनों से आग्रह किया। साथ ही कहा कि हम सबको गोंडी भाषा में बात करना चाहिए, ताकि सब इसे सीख सके। नेमावर धर्मशाला के अध्यक्ष राधेश्याम मर्सकोले ने बताया कि रानी दुर्गावती ने संपूर्ण गोंडवाना साम्राज्य की अस्मिता को बचाए रखने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। मुगलों से संग्राम कर अपने घर जबलपुर, मंडला को बचाया और महल, बावडिय़ां और रियासतों का निर्माण करवाया। समाज के उज्जैन संभागीय अध्यक्ष डॉक्टर सतीश उईके ने वर्तमान में शिक्षा पर जोर देते हुए आर्थिक सहायता देने की बात कही। समाज के उत्थान व आवश्यक नीतिगत कार्यों के लिए निरंतर कार्य करने की समाज जनों से अपील की। शहर अध्यक्ष दियाल सिंह उईके ने महारानी दुर्गावती से सीख लेने हेतु मातृशक्ति को अपने अधिकार प्राप्त करने की सलाह दी। व्यवसाय पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए हमें व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाना होगा। युवा शक्ति को एकजुट होकर समाज के लिए कार्य करना चाहिए। अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए अपने बच्चों को गांवों में भेजना चाहिए, ताकि वे पूजा-पाठ देखकर अपनी संस्कृति से परिचित हो सके। जिला सचिव रामबकस मर्सकोले ने सभी समाजजनों से नेमावर में स्थित गोंड महासभा के पेन ठना को स्थापित करने की कहानी पर जोर देते हुए कहा कि जिला में भी धर्मशाला बनाने के लिए पुरजोर कोशिश करना चाहिए। आयोजन समिति द्वारा आदिवासियों गीतों में नृत्य दुर्गावती के जीवन पर एकांकी नाटक का मंचन किया गया। मालती अहाके ने वीरांगना पर गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में समिति की सभी मातृशक्ति अपनी पारंपरिक वेशभूषा में तैयार होकर वीरांगना दुर्गावती के संबंध में रानी दुर्गावती अमर रहे के नारों से पूरा माहौल बनाया। एएसआई शीतल मर्सकोले का विशेष सम्मान समाजजनों ने किया। अतिथि रविंद्र कुमार परते जी ने शैक्षणिक स्तर पर कक्षा 10वीं और 12वीं के बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही खेलकूद, अन्य कक्षाओं व राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने वालों का सम्मान किया गया। समाज के वरिष्ठ अधिकारी श्री टी एस आहाके का सम्मान किया गया । समिति के गोविंद उईके, लाखन सिंह परते, शेषराव मर्सकोले सुरेश कवडेती, के.सी. धुर्वे, शिव कुमार राजनेगी, महादेव उईके, शिवदीप कवदेती, सुमित सलाम, स्वतंत्र ठाकुर, प्रवीण भलावी, ललित अहाके, ऋषि मर्सकोले, भानूप्रताप उईके, अजब सिंह कुमरे, महिला समिति की ईशा ठाकुर नम्रता मरावी मालती आहके माधुरी भलावी ममता इवने, पूनम मार्सकोले, सरीन श्री सरियाम, ममता कवडेती, यामिनी मर्सकोले, आदि उपस्थित थे। आभार ललित अहाके ने माना व संचालन राकेश कुमरे ने किया।