देवास जिले में वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत में 4529 प्रकरणों का निराकरण कर 8 करोड़ 32 लाख रूपये के अवार्ड पारित
नेशनल लोक अदालत में आपराधिक प्रकरण, चैक बाउन्स, फैमेली मेटर्स, विद्युत, भू-अर्जन, श्रम, सिविल, क्लेम, बैंक रिकवरी एवं उपभोक्ता फोरम प्रकरणों का हुआ निराकण
देवास जिले में वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत में 4529 प्रकरणों का निराकरण कर 8 करोड़ 32 लाख रूपये के अवार्ड पारित
नेशनल लोक अदालत में आपराधिक प्रकरण, चैक बाउन्स, फैमेली मेटर्स, विद्युत, भू-अर्जन, श्रम, सिविल, क्लेम, बैंक रिकवरी एवं उपभोक्ता फोरम प्रकरणों का हुआ निराकण
kTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास श्री प्रभात कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में जिले के समस्त न्यायालयों में वृहद स्तर पर इस वर्ष की प्रथम ’नेशनल लोक अदालत’ का आयोजन किया गया। जिले में आयोजित वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत में 4529 प्रकरणों का निराकरण कर 8 करोड़ 32 लाख रूपये के अवार्ड पारित किये गये।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास श्रीमती निहारिका सिंह ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण जिले में गठित न्यायिक खंडपीठों में न्यायालयों के लंबित प्रकरणों में आपराधिक प्रकरण 253, चैक बाउन्स 99, फैमेली मेटर्स 7, विद्युत 97 विविध 51, भू-अर्जन के 6, श्रम के 2 प्रकरण, सिविल के 24, क्लेम के 51, बैंक रिकवरी का 1, एवं उपभोक्ता फोरम का 4 प्रकरण कुल 595 प्रकरण निराकृत किये गये। जिसमें राशि 05 करोड़ 03 लाख 11 हजार 932 रूपये राशि अवार्ड की गई एवं 1478 लोग लाभांवित हुए।
निराकृत 51 क्लेम प्रकरणों में राशि रू 01 करोड़ 88 लाख 56 हजार रूपये राशि के अवार्ड आपसी समझौते के आधार पर पारित किए गए। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के 99 प्रकरण निराकृत हुए जिनमें 01 करोड़ 76 लाख 68 हजार 740 रूपये राशि के चैकों की राशि में सेटलमेंट किया गया। नेशनल लोक अदालत में 46 लाख 747 रूपये राशि के 24 सिविल प्रकरणों का निराकरण हुआ। 3179 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया है। जिसमें रूपये 02 करोडा 86 लाख 05 हजार 051 रूपये राशि के अवार्ड पारित किए गए है एवं 4083 व्यक्ति लाभांवित हुए हैं।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ विशेष न्यायाधीश एवं नेशनल लोक अदालत प्रभारी श्री दिनेश प्रसाद मिश्र द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री मिश्र ने लोक अदालत का महत्व बताया उन्होंने कहा कि इसमें न कोई पक्ष जीतता है और न ही कोई पक्ष हारता बल्कि पक्षकारों के मध्य सौहार्द्रता के माहौल में प्रकरण का निराकरण हो जाता है। कार्यक्रम में श्रीमती सविता सिंह प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय, श्रीमती निहारिका सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री मनीष सिंह ठाकुर प्रथम जिला न्यायाधीश, डॉ. कु. महजबीन खान प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, श्रीमती सोनल पटेल द्वितीय जिला न्यायाधीश, श्री शिव कुमार कौशल मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, जिला रजिस्ट्रार श्री यशपाल सिंह एवं न्यायाधीशगण श्रीमती अनुसिंह, सुश्री रश्मि खुराना, श्री प्रियांशु पांडे, श्री अब्दुल अजहर अंसारी, सुश्री दिव्या रामटेके, श्रीमती श्वेता अग्रवाल, श्रीमती आफरीन युसूफजई, श्री राजेश अंशेरिया, श्री राॅबिन दयाल जिला विधिक सहायता अधिकारी, वरिष्ठ जिला प्रबंधक बैंक श्री अहसान एहमद, श्री राजेन्द्र सिंह भदौरिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी, सहित लोक अभियोजन अधिकारीगण, विद्युत कंपनी एवं बैंक अधिकारीगण, पैरालीगल वालेंटियर एवं पक्षकारगण उपस्थित रहे।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती निहारिका सिंह ने नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने के लिए उपस्थित लोगों को लोक अदालत के लाभ बताए तथा अपील की गई कि अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करने का प्रयास करें। साथ ही खंडपीठ के पीठासीन न्यायिक अधिकारीगण को लोक अदालत में अधिक से अधिक से अधिक संख्या में प्रकरण के निराकरण के लिए प्रेरित किया गया।
नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक, विद्युत अधिनियम, एनआईएक्ट, चैक बाउन्स, श्रम मामले, मोटर दुर्घटना दावा, बीएसएनएल आदि विषयक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय देवास एवं तहसील स्तर पर सोनकच्छ, कन्नौद, खातेगांव, टोंकखुर्द एवं बागली में 29 न्यायिक खंडपीठों का गठन किया गया।
विशेष न्यायाधीश श्री दिनेश प्रसाद मिश्र एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा श्रीमती निहारिका सिंह विद्युत कंपनी, नगर निगम, बैंक, बीएसएनएल, बीमा कंपनी के स्टॉल पर जाकर तथा खंडपीठों का भ्रमण कर समस्त संबंधित अधिकारीगण को लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में प्रकरण के निराकरण हेतु प्रेरित किया गया। राजीनामा करने वाले पक्षकारगण को स्मृतिस्वरूप फलदार और फूलों के पौधे भेंट किये गये एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रेरित किया गया।