जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल सौराई, विकास खण्ड भदैयॉ का किया गया आकस्मिक निरीक्षण।

जिलाधिकारी द्वारा निष्प्रयोज्य जी0आई0 पाइप का अभिनव प्रयोग कर बनाये गये टीन शेड के लिये जिला पंचायतराज अधिकारी कि की गयी सराहना।

जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल सौराई, विकास खण्ड भदैयॉ का किया गया आकस्मिक निरीक्षण।

KTG समाचार नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा सुल्तानपुर ,उत्तर प्रदेश। 

सुलतानपुर - 22 दिसम्बर/जिलाधिकारी रवीश गुप्ता व मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक द्वारा गुरूवार को निष्प्रयोज्य जी0आई0 पाइप से बने टीन शेड वाले गोवंश आश्रय स्थल सौराई, विकास खण्ड भदैयॉ का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा दैनिक सत्यापन रजिस्टर का अवलोकन किया गया, जिसमें कुल 351 (210 मादा व 141 नर) गोवंश संरक्षित पाये गये।

 जिलाधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल पर निष्प्रयोज्य पाइप से बने टीन शेड का अवलोकन किया गया। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा जिला पंचायतराज अधिकारी आर0के0 भारती के इस अभिनव प्रयोग की सराहना की गयी। जिलाधिकारी द्वारा इस प्रयोग को सभी नई व पुरानी गोशालाओं में प्रयोग किये जाने की बात कही गयी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि यहाँ नर व मादा गोवंशों के लिये अलग-अलग टीन शेड बनाया गया है। गोवंशों को सर्दी से बचाव हेतु अलग से टीन शेड तैयार कर उसे त्रिपाल से ढका गया है। इसी के बगल में बीमार गोवंशों के लिये अलग से एक बाड़ा बनाया गया है, जिसमें एक बीमार गोवंश को संरक्षित किया गया है। निरीक्षण के दौरान पर्याप्त मात्रा में भूषा व चारा उपलब्ध था। 

        जिलाधिकारी द्वारा निष्प्रयोज्य पाइप से टीन शेड बनाकर गोवंशों को संरक्षित करने तथा इस पहल को व्यापक रूप से प्रचारित करने हेतु मीडिया कार्यशाला को भी सम्बोधित किया गया। जिलाधिकारी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि निष्प्रयोज्य पाइप का प्रयोग कर गोवंशों को संरक्षित करना एक बेहतर उपाय है। इसमें लागत भी कम आती है तथा फर्जी तरीके से बोरिंग करने पर भी प्रतिबंध लगता है। इसी प्रकार अन्य गोशालाओं, विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में जहां किचन नहीं है, वहां टीन शेड का किचन बनाया जा सकता है। 

        मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक द्वारा निष्प्रयोज्य पाइप से बनाये गये टीन शेड की सराहना की गयी। उन्होंन कहा कि कम लागत में गोवंशों को संरक्षित करने का एक बेहतर उपाय है। इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा तथा आवारा गोवंशों से फसल को सुरक्षित रख सकेंगे। 

       इस अवसर पर जिला पंचायतराज अधिकारी आर0के0 भारती, जिला सूचना अधिकारी धीरेन्द्र कुमार, खण्ड विकास अधिकारी भदैयॉ दिव्या सिंह, पशुधन प्रसार अधिकारी चन्द्र प्रकाश पाण्डेय सहित अन्य उपस्थित रहे।