छुलकारी प्राइमरी स्कूल में घुसा सांप बाल बाल बचे बच्चे
एम पी अनूपपुर
विकासखंड जैतहरी के प्राइमरी स्कूल छुलकारी में उस समय भगदड़ मच गई जब एक काला सर्प स्कूल के खिड़की के सहारे क्लास रूम में घुसते दिखा जहां बच्चे पढ़ाई कर रहे थे गनीमत रही की शिक्षक ने सांप को देखते ही कक्षा को खाली करवाया| लगातार बारिश का दौर जारी है प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश देखने को मिल रही है तेज बारिश के कारण जहां इंसानों का जीवन अस्त व्यस्त है वही जंगली जानवरों को भी बारिश में घर ढूंढने में परेशानी आ रही है बारिश की इस दौर में छुलकारी प्राइमरी स्कूल के क्लास में मंगलवार दोपहर 12:00 बजे अचानक पेप्क्टिकल कोबरा सांप देखकर अफरा तफरी मच गई कक्षा में रेंगती हुई मौत को देखकर छात्रों के साथ शिक्षकों के भी सिट्टी पिट्टी व पसीने छूट गए हालांकि शिक्षकों ने ग्रामीणों के मदद से सांप को स्कूल से बाहर निकाल कर दूर खेतों में छोड़ा गया| यह उस वक्त हुआ जब शिक्षिका प्रियंका मिश्रा ने चौथी के बच्चों को पढ़ा रही थी बताया गया की कक्षा में 40 बच्चे बैठे थे तभी एकाएक एक जहरीला काला सर्प टूटी हुई खिड़की के जरिए क्लास रूम में उतर रहा था जबकि खिड़की के नीचे और आसपास बच्चे बैठकर पढ़ रहे थे अचानक इनकी नजर सांप पर पड़ी सूझबूझ से अफरा-तफरी में सभी बच्चों को क्लास रूम से बाहर निकलने को कहा गनीमत रहा की सांप ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया किसी प्रकार की कोई हताहत नहीं हुई |
मासूमों की जान से खिलवाड़
बता दें यह स्कूल की हालत काफी खस्ताहाल हो चुकी है यहां बने कमरे की छत और दीवारें पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं भवन की छत और दीवारें जगह जगह दरारे नजर आ रही हैं भवन कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता उसके बाद भी जर्जर भवन की कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाया जा रहा शिक्षा विभाग द्वारा मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कोलमी बैगन टोला के बच्चों के लिए स्कूल भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है तब तक वहां के 28 बच्चे पुराने जर्जर भवन छुलकारी में बैठा कर पढाया जा रहा है वही छुलकारी स्कूल के 90 बच्चे होते हैं जोकि एक साथ बैठाने में समस्या उत्पन्न होती है बताया गया कि विद्यालय की ऐसी खस्ता हालत होने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जर्जर भवन की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह भवन पूरी तरह से खंडार हो चुका है जोकि किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है उसके बाद भी यहां बच्चों को पढ़ाना शिक्षकों की मजबूरी है जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है वहीं साला प्रबंधक ने बताया पूर्व में इसकी जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को दे दी गई थी उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई|