बकरा बकरी फार्म हाउस के चौकीदार के अंधे क़त्ल का गुनाहगार निकला खुद फार्म मालिक

अंधे क़त्ल का हुआ पर्दाफाश आरोपी अकरम के द्वारा पुलिस को गुमराह करने के लिये थाने पर उसके फार्म के बकरा बकरी चोरी होने का झूठा आवेदन दिया और चोरी करने वाले व्यक्तियों पर ही मृतक चिंतामण की हत्या का झूठा आरोप लगा दिया

बकरा बकरी फार्म हाउस के चौकीदार के अंधे क़त्ल का गुनाहगार निकला खुद फार्म मालिक

         KTG समाचार आरिफ खान देवास मध्यप्रदेश 

पिछले सप्ताह रसूलपुर के जंगल से पुलिस ने एक युवक का शव बरामद किया था। उस दौरान परिजनों ने हत्या के आरोप भी लगाए थे। मृतक के शरीर पर चोट के निशान थे। मामले को लेकर औद्योगिक थाना पुलिस ने प्रकरण को जांच में लिया था। जिस पर पुलिस ने टीम का गठन कर आरोपी की तलाश शुरू की। इस बीच पता चला कि युवक जिस खेत पर कार्य करता था, उसके मालिक का युवक के घर आना-जाना था। जिस पर युवक और उसके मालिक के बीच कई बार विवाद भी हुआ था।

इस मामले में पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ कि जिस पर उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने आरोपी अकरम पिता अकबर खान उम्र 35 निवासी रसूलपुर को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में उपयोग किए गए हथियार भी जब्त किए है। औद्योगिक थाना पुलिस ने बताया कि गत 7 अगस्त को सूचना मिली थी कि अकरम के बकरा-बकरी वाले फॉर्म हाउस पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है। उक्त सूचना पर तत्काल थाना प्रभारी फोर्स के साथ रवाना हुआ। पुलिस ने उस दौरान अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302 का अपराध कायम कर प्रकरण को विवेचना में लिया। टीम के द्वारा तलाश करने पर पता चला कि चिंतामण की हत्या उसी के मालिक अकरम ने की है।

पुलिस ने बताया कि मृतक चिंतामण अकरम के फॉर्म हाउस पर पिछले तीन वर्षों से चौकीदारी का काम करता था। आरोपी अकरम का मृतक चिंतामण के घर आना जाना था। अकरम बुरी नियत से चौकीदार की दिव्यांग पत्नी पर नजर रखता था। जिस पर मृतक चिंतामण एवं अकरम का कई बार विवाद भी हुआ व जान से मारने की धमकी भी दी थी। आरोपी अकरम के द्वारा योजनाबद्व तरीके से 6 अगस्त को अपने फॉर्म के बकरा बकरी बेचकर मृतक चिंतामण को रात में पार्टी पर बुलाया और शराब पिलाई। बाद में मृतक चिंतामण एवं आरोपी अकरम दोनों घर जाने लगे। मृतक चिंतामण आगे-आगे मोबाइल की टॉर्च लेकर चल रहा था। आरोपी अकरम थोड़ी दूर पहुंचा और रईस अली के खेत के समीप अकरम ने पीछे से एक गोल नुकीले लोहे का सरिया चिंतामण की पीठ, सीने, दांए-बांए काख के बगल में मारकर चिंतामण की हत्या कर दी।

आरोपी अकरम ने पुलिस को गुमराह करने के लिए थाने पर उसके फॉर्म हाउस से बकरा-बकरी चोरी होने का झूठा आवेदन दिया और चोरी करने वाले व्यक्तियों पर ही मृतक चिंतामण की हत्या का झूठा आरोप लगा दिया था।

उपरोक्त सराहनीय कार्य में निरीक्षक अनिल शर्मा , उनि शुभम सिंह परिहार , सउनि विमल व्यास , आरक्षक विकास , आरक्षक सतीश सिंह सिकरवार , मआर कविता , मआर प्रतीक्षा व मआर प्रिया व सैनिकतेजकरण कीर की अहम भूमिका रही है ।