लोक समाज पार्टी द्वारा बेरोजगारी और नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ मानपुर गांव ज़िला फतेहपुर में लगा चौपाल।

लोक समाज पार्टी द्वारा बेरोजगारी और नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ मानपुर गांव ज़िला फतेहपुर में लगा चौपाल।

KTG समाचार नरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश।

 फतेहपुर - लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा ने दिनांक 2 जून से फतेहपुर में कई गांव के किसानों से मुलाकात करते हुए जगह जगह चौपाल भी लगवाए। कल हुसैनगंज के इलाके के गांव बहबल पर तो आज शाम को मानपुर गांव में किसानों का चौपाल लगा जिसमे फतेहपुर जिला अध्यक्ष राजेश कुमार विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष्य विपिन कुमार कौशल, शिव कुमार यादव, रोहित लोधी, मनोज कुमार, हरी प्रसाद प्रजापति, दीना नाथ प्रजापति, इरशाद अली, सुरेश पासवान, राम बाबू विश्वकर्मा, ओम प्रकाश विश्वकर्मा, बडे़ लाल, समीर, छोटे यादव, राज कुमार मौर्य, शेर मोहम्मद, वली मोहम्मद सहित दर्जनों लोग शामिल हुए।

   इस मौक़े पर लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा (ऐडवोकेट) ने कहां थी मोदी सरकार सही माने में बेरोजगारों की एक गंगोत्री है जिसके शासन में सिर्फ बेरोजगार ही पैदा होते हैं और वह बेरोज़गार ही मरने के लिए विबस होते हैं। जबकि लोकतांत्रिक देश में सरकारों का यह कर्तव्य होता है कि देश में अपने संसाधन के अनुसार अधिक से अधिक रोजगार पैदा कर और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देकर बेरोजगारी दूर करें लेकिन मोदी सरकार की मातृ संस्था आर एस एस चाहती है कि गुरु गोल वर्कर का सपना साकार हो जिनकी सोच थी कि देश में अधिक से अधिक लोगों को गुलाम बना के रखा जाय, यानी  देश की संपत्ति कुछ लोग उनके पास रहे और बाकी लोग उसमें प्रजा की तरह काम करे आज नरेंद्र मोदी उसी के तर्ज पर बहुत बड़ी आबादी के लोगों के संवैधानिक अधिकार को खत्म करके सबको ठेके पर रखने की प्रक्रिया कांग्रेश और नई पार्टी केजरीवाल के साथ मिलकर गोलवरकर के सपनों को साकार कर रही है, वही  मोदी सरकार का संविधान सम्मत नहीं है बल्कि संविधान विरोधी है संविधान के हिसाब से अधिक से अधिक लोगों को सरकारी संसाधनों में भागीदारी होना चाहिए लेकिन इस मोदी सरकार ने कुछ लोगों को भागीदार बना कर बाकी लोगों के गुलामी  के हालात में पहुंचा दी है।

    वहीं नई शिक्षा नीति 2020 पर  लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह ब्रिटिश काल, रामायण काल और महाभारत काल के साथ मुगल काल में बहुत बड़ी आबादी को पढ़ने नहीं दिया जाता था उसी सोच के तहत आज मोदी सरकार नई शिक्षा नीति 2020 लाई है जिसमें सरकारी स्कूलों में पांचवी तक के बच्चे को अंग्रेजी नहीं पढ़ने दिया जायगा, जब वही  छात्र सरकारी स्कूलों में छठी में जायेगा तब उसको अंग्रेजी का ज्ञान कराई जाएगा और उसी साल से कारीगरी की पढ़ाई करवाई जायेगी। उसको साल में एक महीना उस कारीगरी पढ़ाई का प्रैक्टिकल करवाए जाएगा । मोदी सरकार चाहती है जो सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं वे अच्छी पढ़ाई न कर सकें ।सरकारी स्कूलों के बाद कारीगर ही बने।इस प्रकार मोदी सरकार एक देश जहां पर एक सुप्रीम कोर्ट,एक रेल लाइन एक संविधान एक निर्वाचन आयोग है वही पर कांग्रेस और केजरीवाल से मिलकर एक देश में दो शिक्षा लागू कर रही है।सरकारी स्कूल में जहां पर सिर्फ कारीगर निकलें और कॉन्वेंट स्कूल जहां पर हाई कार्ट, सुप्रीम कोर्ट,गवर्नर,एमपी,एमएलए नौकर शाह,के बच्चे पढ़ कर बड़े-बड़े अधिकारी डॉक्टर इंजीनियर और नौकारशाह बने।ऐसा पढ़ाई मोदी सरकार संघ के इशारे पर कर रही है। लोक  समाज पार्टी का मानना है जब पूरे देश में एक संविधान लागू है तो एक शिक्षा नीति लागू होना चाहिए।चाहें नौकर शाह, गवर्नर,राजपाल,राष्ट्रपति का बेटा हो या गांव मैं रहने वाले ,किसान मजदूर का बेटा,हो सबको एक शिक्षा मिलनी चाहिए। लोक समाज पार्टी दोहरी शिक्षा नीति को खत्म करेगी और 12वी तक के बच्चे को एक ही प्रकार की शिक्षा नीति लागू करेगी जिसमें 12वीं तक की बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।