सतनवाड़ा रेंज के कोटका में 120 घण्टों में 400 बीघा जंगल में कटे 3000 से ज्यादा बड़े पेड़: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी एमपी

वन विभाग की संलिप्तता से सफाया हुआ कोटका जंगल। रोजनदारी पर लेबर बुलाकर गांव के दबंगों ने कटवाए पेड़ ।

सतनवाड़ा रेंज के कोटका  में 120 घण्टों में 400 बीघा जंगल में कटे 3000 से ज्यादा बड़े पेड़: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी एमपी

शिवपुरी :22 मई 22

एक पौधे को पेड़ बनने में सालों लग जाते हैं लेकिन कुल्हाड़ी चलाकर वन माफिया इन अमूल्य दरख्तों को कुछ ही समय में जमींदोज कर देते हैं। इसी एक सप्ताह के अन्दर सतनवाडा वन परिक्षेत्र के बम्हारी के पास कोटका में 400 बीघा वनभूमि से 10000 से अधिक खैर धोकर सहित सतरूखा का जंगल का सफाया किया गया है, । 2000 पेड़ अभी भी मौके पर पड़े हुए हैं । सहरिया क्रांति ने ये पूरा मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का तय किया है ।

बम्हारी के कोटका  में जंगल काटकर दबंग लोगो ने कई बीघा जमीन में खेती की तैयारी शुरू कर दी है। हर दिन कई पेड़ों को काटकर ट्रैक्टर ट्रॉली बैलगाड़ी व साइकिलों से वे रोकटोक लकड़ी का अवैध परिवहन हो रहा है, आज रविवार को भी यह नजारा देखने को मिला।

जानकारी अनुसार सतनावाड़ा रेंज अंतर्गत आने वाले बम्हारी के कोटका का घना जंगल पिछले एक सप्ताह से साजिशन तबाह किया जा रहा है, इस जंगल को गांव के ही एक दबंग द्वारा रोजनदारी पर मजदूर लगाकर कटवाया जा रहा है। खास बात यह है कि एक सप्ताह से घनघोर जंगल में जबर्दस्त कटाई चल रही है और वन अमले को खबर न हो, यह कैसे सम्भव है, कहा तो यह भी जा रहा है, यह सब वन अमले की सांठगांठ से ही किया जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि जंगलों में रोजाना वृक्षों की अवैध कटाई धड़ल्ले से बेरोक टोक की जा रही है। पेड़ों की अवैध कटाई कर शहरी क्षेत्रों में पिकअप, ट्रैक्टर, छोटा हाथी में परिवहन कर खपाया जा रहा है। लकड़ी तस्करी के कार्य में लिप्त लोगों द्वारा बेशकीमती पेड़ों का सुनियोजित ढंग से सफाया किया जा रहा है। जिले के जंगल लकड़ी तस्करों के लिए चारागाह बने हुए हैं। जंगलों में खुलेआम वृक्षों की अवैध कटाई कर चिराई का काम भी जंगलों में ही हो रहा है। अंधाधुंध कटाई के बावजूद वन महकमा उदासीन है, जिस कारण वन अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है।

 *यह है तैयारी* 

इस जंगल को दबंगों द्वारा खेती के लिए काटा गया है, बाद में वन अमला और यह दबंग कुछ समय के लिए यहां सहरिया समुदाय को गुमराह कर बसा देंगे और फिर उन्हें बेघर कर यह जमीन दबंगों को सौंप दी जाएगी जिसका आरोप सहरिया आदिवासियों पर मढ़ दिया जाएगा।जबकि सहरिया कभी भी वन नहीं काटते वे केवल झाड़ झक्कर काटकर कहीं कहीं  रहने को टपरिया जरूर बना लेते हैं ।

 सहरिया क्रांति ने प्रमुख सचिव फॉरेस्ट से अपील की है कि इस जंगल कटाई की निष्पक्ष जाँच कराकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। सतनवाड़ा रेंज में आए दिन जंगलों की कटाई के पीछे जंगल क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए की जा रही तैयारी है, यहां पूर्व में भी इसी तरह जंगलों को काटकर खदानें लगाईं गईं और बड़े पैमाने पर पत्थर का उत्खनन किया जाता रहा है। 

वन क्षेत्र में अवैध रूप से खेती करने की खबरें पूर्व में सामने आती रहीं जहां पहले घने घने जंगल हुआ करते थे वहां आज सैंकड़ों बीघा के फॉर्म हाउस तैयार कर लिए हैं। इस काम में वन विभाग और दबंगों का कॉकस मजदूरों को रोजनदारी पर लाकर इस कार्य को अंजाम दे रहा है। 

 *कार्यवाही न होने से बढ़ रहे हैं हौंसले* 

वन क्षेत्र में अवैध रूप से जंगल कटाई, अवैध उत्खनन, शिकार जैसी आपराधिक गतिविधियों पर कार्यवाही न होने से जंगल माफिया के हौसले बुलंदी पर हैं और यहां खुलेआम वनों की कटाई एवं अवैध उत्खनन वन भूमि में चल रहा है। 

वन विभाग और पुलिस महकमा गुना की घटना से कोई सबक नहीं ले रहे हैं जिससे जंगलों में इस तरह अवैध कारनामों को प्रश्रय मिल रहा है यहां मैदानी अमले को दबंगों द्वारा धौंसपट्टी देकर भगा दिया जाता है वहीं जंगलों में रेंजर और बड़े अधिकारी जाते ही नहीं है वे अपने अपने कार्यालय में एसी कमरों में बैठकर मुख्यालय पर ही कागजी घोड़े दौड़ाने में व्यस्त हैं।  पूर्व में डोंगरी, बम्हारी क्षेत्र में डीएफओ श्रीमती मीना मिश्रा स्वयं मौके पर गईं थीं मगर अभी तक वहां कोई कार्यवाही न किया जाना कहीं ने कहीं इस क्षेत्र में चल रही गतिविधियों को राजनैतिक सरंक्षण की ओर इंगित करता है।