19 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र जानिए कौन से बिल हो सकते हैं पेश

लोकसभा अध्यक्ष ने आज स्पष्ट किया कि कोरोना महामारी के बीच संसद का अगला मानसून सत्र कब होगा

19 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र जानिए कौन से बिल हो सकते हैं पेश
संसद भवन

Ktg समाचार, भवेन्दु त्रिवेदी, सुरत, गुजरात.

लोकसभा अध्यक्ष ने आज स्पष्ट किया कि कोरोना महामारी के बीच संसद का अगला मानसून सत्र कब होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के मुताबिक संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा l उन्होंने कहा कि इस दौरान कोरोना के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा l उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं मिली है, उन्हें सत्र के दौरान संसद परिसर में प्रवेश करने से पहले आरटी-पीसीआर परीक्षण कराने के लिए कहा जाएगा। संसद भवन परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिड़ला ने कहा कि 323 सांसदों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ली थी, जबकि 23 सांसद कुछ चिकित्सकीय कारणों से वैक्सीन की पहली खुराक तक नहीं ले सके l लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सदनों की लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें सुबह 11 बजे एक साथ शुरू होंगी। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और 13 अगस्त तक चलेगा। आमतौर पर जुलाई में शुरू होने वाला मानसून सीजन पिछले साल सितंबर में कोरोना के चलते शुरू हुआ था। 17वीं लोकसभा ने अब तक 5 सत्रों में 114 सीटें जीती हैं, जो कि 15वीं और 16वीं लोकसभा से अधिक है lलोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि 17वीं लोकसभा के तीन सत्र कोविड महामारी के दौरान हुए, लेकिन कार्य की उत्पादकता अधिक रही। चौथे सीजन की 167% उत्पादकता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि कोविड की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद सांसदों ने अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा किया, उनका आभार l उन्होंने कहा कि सदस्यों के लिए घर में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है. साथ ही, उन सांसदों, मीडिया रिपोर्टरों और मंत्रालय के अधिकारियों के लिए RT- PCR परीक्षण की नकारात्मक रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी, जिन्हें कोविड का टीका लगाया गया है। लेकिन जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की खुराक नहीं ली है, उन्हें RT- PCR टेस्ट से गुजरना होगा। साथ ही सत्र के दौरान आगंतुकों को प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।संसद के इस सत्र में करीब 40 विधेयक पेश किए जा सकते हैं। इसके अलावा पांच अध्यादेश भी विधेयक के रूप में पेश किए जाएंगे। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक पोषण और कल्याण संशोधन विधेयक, किशोर न्याय बाल देखभाल और संरक्षण विधेयक, राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान विधेयक आदि इस सत्र में पेश किए जा सकते हैं।