स्कूल शिक्षा परिवार रामगढ ने भरी हूँकार एसडीएम को ज्ञापन देकर जताया विरोध
उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर जताया विरोध स्कूल शिक्षा परिवार रामगढ ने भरी हूँकार
स्कूल शिक्षा परिवार रामगढ ने भरी हूँकार एसडीएम को ज्ञापन देकर जताया विरोध
KTG समाचार नीरज माहेश्वरी राजगढ़ अलवर राजस्थान
रामगढ़ अलवर स्कूल शिक्षा परिवार रामगढ के स्कूल संचालकों की बैठक का आयोजन संस्कार वैली रामगढ के प्रांगण में किया गया । स्कूल शिक्षा परिवार रामगढ के धनसिंह यादव ने बताया कि निजी स्कूलों के संचालक फीस नहीं आने के चलते काफी परेशान हो रहे हैं । बहुत से छोटे संस्थान तो बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं । और ऊपर से शिक्षा निदेशक के तुगलकी फरमान बिना टीसी प्रवेश ने निजी स्कूल संचालकों के लिए फाँसी के फंदे का काम रहा है । निजी स्कूल को सरकार की तरफ से कोई अनुदान नही दिया जाता । ये स्कूल कम फीस में भी अच्छी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं । यदि निजी स्कूल बन्द कर दिए जाए तो क्या सरकार के पास इतने साधन है कि वो इन बच्चों को सरकारी स्कूल में बैठने की व्यवस्था भी कर सके । स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी रामगढ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर सात दिन में इस आदेश को वापस कराने व टीसी के लिए स्पष्ट आदेश की मांग की है । यदि ये आदेश वापिस नही लिए गए तो राजभवन का घेराव कर आंदोलन किया जावेगा ।
अभी तक टीसी व अन्य दस्तावेज देने पर मिलता था प्रवेश स्कूल शिक्षा परिवार रामगढ के मुरारी दहिया ने बताया कि किसी भी स्कूल में चाहे सरकारी स्कूल हो अथवा मान्यता प्राप्त गैर सरकारी स्कूल हो उसमें प्रवेश लेने के दो ही आधार हैं । या तो पूर्व स्कूल से टीसी प्राप्त की जाए अथवा शपथ पत्र के आधार पर । यदि कोई विद्यार्थी पूर्व में किसी स्कूल में अध्ययनरत रहा है तो उसे उस स्कूल से पास की गई कक्षा का टीसी प्राप्त करना होता है । उसी टीसी के आधार पर अगली कक्षा में वह किसी भी विद्यालय में प्रवेश ले सकता है । शिविरा पंचांग के आदेशों में स्पष्ट है कि टीसी प्राप्त करने की एक निर्धारित प्रक्रिया है । अभिभावक की ओर से पहले जिस स्कूल में बच्चे को अध्ययन करवाया है । वहां से नो ड्यूज प्राप्त कर प्रार्थना पत्र देकर टीसी प्राप्त की जाती है । नए आदेश से पहले टीसी के आधार पर ही स्कूलों में एडमिशन होते थे । कोरोना काल में सबसे अधिक नुकसान निजी स्कूलों को हो रहा है । हम स्कूलों का बिजली - पानी व स्कूल भवन , वाहनों की किश्तें भी समय पर नहीं दे पा रहे हैं । बच्चों की फीस नहीं आने के चलते हम शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं । सरकार का यह फैसला निजी स्कूलों का गला घोटने का काम कर रहा है । शिक्षा विभाग के इस आदेश के विरोध में सभी ब्लॉक व जिला स्तर पर अधिकारियों को ज्ञापन देकर विरोध जता रहे है । राज्य सरकार का यह फैसला बिलकुल गलत है । एक से 8 वीं तक के बच्चों को भी बिना नो ड्यूज के प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए । सरकार को इसमें संज्ञान लेना चाहिए जिससे कि छोटे शिक्षण संस्थानों का अस्तित्व बना रहे । कोविड के चलते गत दो साल से छोटे शिक्षण संस्थानों के हालात बहुत खराब हैं और बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी विद्यार्थियों की ज्यादातर फीस बकाया है । आज उपखंड अधिकारी कैलाश चंद शर्मा , तहसीलदार घमंडी लाल मीणा , सी बी ई ओ जगदीश जाटव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है । और इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो आगे कदम उठाएंगे । ज्ञापन के दौरान स्कूल शिक्षा परिवार के तेज सिंह , धन सिंह , हुक्म सैनी , केहरि सिंह , सीपी शर्मा , पूरण चौधरी , फूल सिंह , किशन सैनी सहित 35-40 स्कूल संचालक मौजूद रहे ।