श्योपुर: एक के बाद एक कुपोषित बच्चे जिंदगी और मौत से जूझते रहते हैं, लेकिन महिला बाल विकास विभाग के कान में जू तक नही रेंगती..

एक के बाद एक कुपोषित बच्चे जिंदगी और मौत से जूझते रहते हैं, लेकिन महिला बाल विकास विभाग के कान में जू तक नही रेंगती.. सबाल ये उठता है आखिर कहां जा रहा है सरकार का पैसा

श्योपुर: एक के बाद एक कुपोषित बच्चे जिंदगी और मौत से जूझते रहते हैं, लेकिन महिला बाल विकास विभाग के कान में जू तक नही रेंगती..
कुपोषित बच्चे

श्योपुर-/

एक के बाद एक कुपोषित बच्चे जिंदगी और मौत से जूझते रहते हैं, लेकिन महिला बाल विकास विभाग के कान में जू तक नही रेंगती..

श्योपुर-/

हाल ही में ताजा मामला विजयपुर तहसील का है, जहाँ जिला प्रशासन कुपोषण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करता नजर आता है, 

लेकिन परिस्थितियों में ये सब कागजी ही साबित होते दिखाई देते हैं, 

लेकिन यह तस्वीर झकझोर रही है, 

भागचंद आदिवासी (उम्र 21 माह) पिता- सीताराम आदिवासी
बजन-4.260 ग्राम, MUAC- 8 जिसकी हालत तस्वीर बता रही है, 

बाल विकास विभाग के मोनिटरिंग के ये तसवीरें पोल खोलती नजर आ रही है,