महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत डूंगरपुर जिला ने राजस्थान में दूसरा स्थान किया अर्जित
महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत डूंगरपुर जिला ने राजस्थान में दूसरा स्थान किया अर्जित
विभिन्न पैरामीटर्स में किया श्रेष्ठ प्रदर्शन, एक लाख 23 हजार से अधिक को मिला मनरेगा में रोजगार
KTG समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर,राजस्थान
डूंगरपुर, कोरोनाकी दूसरी लहर ने जहां चारो ओर कहर बरपाया, किसी से अपनों को छिना तो कही जिंदगी ही छिन ली तो कही किसी का रोजगार छिन गया। ऐसे में राजस्थान के दक्षिण स्थित जनजाति बहुल पहाडी बसावट एवं लघु सीमांत पूर्णतः बरसात आधारित कृशि जिले डूंगरपुर में, महात्मा गांधी राश्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) यहां के बाषिंदों के लिए वरदान साबित हो रही है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजलि राजोरिया ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा में विभिन्न पैरामीटर्स जिसमें समय पर भुगतान, कार्य पूर्णता, आधार बेस भुगतान, प्राकृतिक जलसंसाधन के कार्यो, कृषि सम्बन्धी कार्यो, जियो टेगिंग की दर आदि में अच्छा प्रदर्षन करते हुए डूंगरपुर जिले ने प्रदेष भर में दूसरा स्थान बनाया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के मुष्किल हालातों में महात्मा गांधी नरेगा योजना रोजगार के लिए यहां के निवासियों के लिए जिंदगी का बडा सहारा बनी है। अनलॉक के बाद एक बार फिर से महात्मा गांधी नरेगा कार्य में प्रगति से वर्तमान में एक लाख 23 हजार 362 लोगों को रोजगार मिला है। वर्तमान में जिले के आसपुर ब्लॉक में 6888, बिछीवाड़ा ब्लॉक में 11282, चिखली में 5693, दोवड़ा में 8154, डूंगरपुर में 8676, गलियाकोट में 22385 झौंथरी में 16827 साबला में 4163 सागवाड़ा में 28 हजार 78, सीमलवाडा में 11216 श्रमिक नियोजन है तथा 35.11 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना अनलॉक के बाद मिली छूट में नियमानुसार श्रमिकों का नियोजन किया जा रहा है। कार्य स्थल पर कोविड -19 प्रोटोकॉल गाइडलाइन की पूर्ण पालना करवाई जा रही है। इसके अन्तर्गत एक कार्य पर नियमानुसार अनुमत श्रमिक लगाये जा रहें है, जिससे सोषल डिंस्टेंस की पूर्ण पालना करवाई जा सकें। साथ ही मास्क की भी पालना भी अनिवार्य रूप से करवाई जा रही है। धीरे-धीरे श्रमिक नियोजन बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक श्रमिक नियोजन कर अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना है और इस हेतु प्रयास जारी है।