फसल बीमा के लिए जिलेभर के किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट, धरना देकर की नारेबाजी, सौंपा ज्ञापन

फसल बीमा के लिए जिलेभर के किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट, धरना देकर की नारेबाजी, सौंपा ज्ञापन

फसल बीमा के लिए जिलेभर के किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट, धरना देकर की नारेबाजी, सौंपा ज्ञापन
फसल बीमा के लिए जिलेभर के किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट, धरना देकर की नारेबाजी, सौंपा ज्ञापन
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। भारतीय किसान संघ ने सोयाबीन फसल बीमा 2020 एवं अन्य मांगों को लेकर देवास जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर कार्यालय में को ज्ञापन सौंपा। धरने के दौरान प्रदेश मंत्री नारायण यादव ने कहा कि 15 माह के बाद भी फसल बीमा नही मिला है। अगर बीमा नही मिला तो आने वाले 5 जनवरी को राजधानी भोपाल में धरना दिया जायेगा। जिला प्रभारी आनंद सिंह आंजना ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक बीमा नही मिलता है तो पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। प्रांत कार्यकारिणी सदस्य गोवर्धन पाटीदार ने कहा कि जिले नकली खाद विक्रेताओं पर एफआईआर की जाये। उदयनगर के रातातलाई गांव मे नकली खाद पकडा था, लेकिन 15 दिन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है, तुरंत कार्रवाई की जाये। जिला अध्यक्ष हुकम पटेल ने देवास जिले का ऋण मान बढ़ाए जाने की मांग की। किसानों ने कहा कि नियम है कि फसल बीमा 3 माह में मिलना ही चाहिए, लेकिन अब तक नही मिल। अगर किसानों का दो जगह बीमा कटा है तो दो जगह बीमा चाहिए। जिला कलेक्टर को ज्ञापन की 5 दिन पहले सूचना दे दी गई, लेकिन जिला कलेक्टर किसानों से ज्ञापन लेने तक नही आए। किसानों ने कलेक्टर परिसर में बैठकर नारेबाजी की। कृषि विभाग के कल्पना तिरके एवं बिजली विभाग के अधिकारी भी धरने पर पहुचे। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के पश्चात काफी लंबे समय से चल रहा धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ और आखिर में डिप्टी कलेक्टर अभिषेक सिंह को समस्या से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर संभागीय मंत्री विशाल आंजना, सदस्य रामनिवास केरेपा, जिला मंत्री शेखर पटेल, सत्यनारायण पटेल, आनन्द मेहता, नारायण मंडलोई, चंपालाल मुकाती, विजय सोनी, नगर अध्यक्ष गोवर्धन सिंह पवार, तहसील अध्यक्ष मूलचंद पाटीदार, राजेश जोशी, बहादुर सिंह ठाकुर सहित तहसील अध्यक्ष मंत्री एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे। किसानों ने कहा कि हम 11 बजे से मल्हार स्मृति में एकत्रित हुए, लेकिन पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था नही दिखी। किसान पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहे।