अद्धभुत चरित्र के धनी महाराज शिवाजी- मुख्य वक्ता श्री त्रिवेदी एवं श्री पवार
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र एवं उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन स्थानीय फेथ फाउंडेशन ग्लोबल स्कूल में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने अपने जिज्ञासु प्रश्नों से वक्ताओं को प्रभावित किया,श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की 19 फरवरी को जन्म जयंती मनाई जाती है। इसी तारतम्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री अरविंद त्रिवेदी जी समसामयिक विषयों एवं इतिहास पर लेखन कार्य करने वाले युवा छात्र नेता अमितराव पवार ने छात्र-छात्राओं के समक्ष छत्रपति शिवाजी के जीवन काल को विभिन्न घटनाओं के माध्यम से सामने रखा।श्री छत्रपति शिवाजी ने अपने बचपन मैं किस तरह से कुशलतापूर्वक नेतृत्व क्षमता का विकास किया यह बताते हुए उनकी मां जीजाबाई का जिक्र किया। वही युद्ध कौशल में वे किस तरह से स्वयं भी माहिर हुए और साहसी चतुर और शिवाजी ने बुद्धिमान फौज का एकत्रीकरण किया यह बिरला चरित्र छत्रपति शिवाजी महाराज को देश का पहला हिंदू साम्राज्य स्थापित करने वाला छत्रपति बनाता है। मात्र 400 सैनिकों को लेकर छत्रपति शिवाजी ने शाइस्ता खान की सवा लाख की सेना में खलबली मचा दी।और लाल महल को फिर से जीत लिया। इसी तरह उन्होंने अपने जीवन के 45 साल युद्ध करते हुए राष्ट्रवादीता का परिचय देते हुए हिंदुस्तान राज्य को स्थापित करने में लगा दिए। उनके जीवन चरित्र से युद्ध कौशल, चतुराई,बुद्धिमता, साहस और नेतृत्व के गुण सीखकर वर्तमान तरुणाई अपने देश का सम्मान बढ़ा सकती है। पत्रकार अरविंद त्रिवेदी ने कहा की छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप के स्वाभिमानी व्यक्तित्व को हम अपने जीवन में ढाल कर स्वाभिमान से भरा आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपने बचपन को बहुत सुंदर तरीके से तराश सकते हैं। जीवन में जो भी काम करें अपने इतिहास पुरुषों का जीवन चरित्र साथ में लेकर चलने से हमारे अंदर देशभक्ति का जज्बा बना रहता है। इसके चलते हम एक अच्छे ज्ञानिक, एक अच्छे साइंटिस्ट, एक अच्छे डॉक्टर, और एक अच्छा राजनीतिज्ञ जो भी बनना चाहे बन सकते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन चरित्र 16 साल से लेकर उनकी उम्र के 53 साल तक का ही नहीं बल्कि उनके बचपन का भी बहुत कुछ देश के करोड़ों लोगों को प्रेरित करता है।
श्री अमितराव पवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज करीब 400 सालो के बाद भी हम छत्रपति शिवाजी महाराज को याद करते हैं और गर्व से जय शिवाजी का नारा लगाते हैं, तो इसका मतलब है कि उनका दृढ़ इच्छाशक्ति वाला चरित्र हमारे दिलों को गहराई से प्रभावित करता है। हमें अपने जीवन में हम जिस तरह से अपने गांव,अपने शहर, और अपने स्कूल का नाम रोशन कर सकते हैं, यही ठान ले तो यह छत्रपति शिवाजी महाराज के द्वारा दी गई जीवन शिक्षा का सुंदर प्रतिफल होगा। इस अवसर पर फेथ फाउंडेशन स्कूल के विद्यार्थियों ने आगामी दिनों में छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र को पढक़र उस पर निबंध लिखकर अपने मित्रों को दिखाने का फैसला किया। जिससे सब एक दूसरे को अपने-अपने विचार बता सके एवं ज्यादा से ज्यादा अपने वीर पुरुषों के बारे में जानकारी एक दूसरे को देते रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मराठा समाज सेवी श्री सुरेश चव्हाण जी ने की।अतिथियों का स्वागत स्कूल संचालक श्रीमती परिमलाजी ने किया,संचालन श्री सर्वेश सोरठीया ने एवं आभार प्राचार्य श्री पंकज किटुकले जी ने माना।