*कॉरोना को बीते हुए 3 साल, 5 डे वर्किंग आज भी बरकरार। बदलाब करना भूला प्रशासन।*

जनता के सरकारी काम एवं प्रशासनिक कामों में देरी हो रही है जिससे दपतरों में फाइल बढ़ती जा रही है दबाव छोटे कर्मचारियों पर भी देखने को मिल रहा है।

*कॉरोना को बीते हुए 3 साल, 5 डे वर्किंग आज भी बरकरार। बदलाब करना भूला प्रशासन।*
दप्तर फाइल फोटो

शिवपुरी KTG समाचार ब्यूरो:

शिवपुरी: कॉरोना काल को लगभग 3 साल बीत चुके हैं परंतु प्रशासन के द्वारा हर जिले में वर्किंग डे 5 दिवस का ही चला आ रहा है। लगता यही है सायद प्रशासन आज भी कॉरोना मान कर सोया हुआ है। प्रशासन के दिमाग से आज भी कॉरोना का डर गया नहीं है जो आदेश में फेर बदल नहीं कर रहा। जिससे दप्तर प्रणाली प्रभाबित है, वैसे ही दप्तरों में फाइल धूल खा रही हैं और अब वर्किंग डे में बदलाव ना करके फाइल बढ़ती चली जा रही हैं। लोगों पर भी 5 डे वर्किंग का प्रभाव देखने को मिल रहा है हफ्ते में पता ही नहीं चलता कब 5 दिन बीत गए। आने बाला शुक्रवार कर्कचारियों और अधिकारीयों के लिए राहत लाने बाला होता है क्यों कि लगातार 2 दिन का अबकास जो मिल रहा है परंतु फरियादी, प्रार्थी के लिए मायूसी लाने बाला होता है हर कर्मचारी यही इंतजार में डाटा रहता है कि कल शुक्रवार आए और प्रार्थी फरियादी से बोला जाएगी अब तो सोमवार को आना, सोमवार आते ही प्रार्थी जल्दी से अपने काम कराने में लग जाता है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में पता ही नहीं चलता कब नजदीक शुक्रवार आ गया और छुट्टी फिर से मिल गई।कोरोना काल में प्रदेश के हर जिलाधीश को यह अधिकार दिया गया था कि वह अपने जिले में कोरोना की गतिविधियों को देखते हुए वर्किंग डे निर्धारित कर सकता है परंतु आज देखा जाए तो कोरोना आसपास कहीं नजर नहीं आता और आता भी है तो बो नॉर्मल बुखार बन कर रह गया है क्यों कि वैक्सीन के तीनों डॉज उपलब्ध हो चुके हैं फिर भी वर्किंग डे 5 दिवस का लगातार चलता आ रहा है प्रशासन की ऐसी लापरवाही अपने कार्य के प्रति निष्ठावान नहीं मानी जा सकती।