सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य (राजा हेमू) के ऐतिहासिक महत्व के संबंध में राजगढ़ तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
राजा हेमू हेमचंद्र विक्रमादित्य ने सोलहवीं शताब्दी में हिंदुस्तान में व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में अपने कौशल से ख्याति प्राप्त की इनके बुद्धिकौशल रणनीति और शासकीय योग्यताओं ने सूरी वंश के शासकों का ध्यान आकर्षित किया
सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य (राजा हेमू) के ऐतिहासिक महत्व के संबंध में राजगढ़ तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
KTG समाचार नीरज माहेश्वरी जिला प्रभारी
अलवर राज्य की स्थापना माचाड़ी के राव राजा प्रताप सिंह जी के द्वारा की गई थी एवं माचाड़ी को अलवर राज्य की राजधानी बनाया था। माचाड़ी कस्बे में ही राजा हेमू हेमचंद्र विक्रमादित्य का जन्म 1501 ई. में जन्म हुआ था जिन्होंने सोलहवीं शताब्दी में हिंदुस्तान में व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में अपने कौशल से ख्याति प्राप्त की। इनके बुद्धिकौशल रणनीति और शासकीय योग्यताओं ने सूरी वंश के शासकों का ध्यान आकर्षित किया। इनकी योग्यताओं को ध्यान में रखते हुए शेरशाह सूरी के उत्तराधिकारीयों ने इन्हें मापतोल एवं बाजार का अधीक्षक सेनापतित्व एवं प्रधानमंत्री बनाया। इसके बाद राजा हेमू ने तुगलकाबाद के युद्ध में मुगलों को हराकर दिल्ली पर राज्य किया तथा 7 अक्टूबर 1556 को विक्रमादित्य की उपाधि धारण की। ऐतिहासिक दृष्टि से सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य राजा हेमू एवं उनके परिवार का राष्ट्र के लिए अतुलनीय योगदान होने के बाद भी वर्तमान में इनको अन्य राजाओं के सम्मान सम्मान नहीं दिया गया है।
आमजन की सरकार से मांग :-
1. सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य राजा हेमू जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जावे।
2. सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य राजा हेमू के जन्म स्थान माचाड़ी में इनका राष्ट्रीय स्मारक बनाए जावे।
3. सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य राजा हेमू के इतिहास को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान एवं विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जावे।
4. राजकीय महाविद्यालय रैणी अथवा राजगढ़ अलवर का नामकरण सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य राजा हेमू के नाम पर किया जावे।
5. सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य जन्म दिवस विजय दिवस एवं शहीद दिवस के अवसर पर माचाड़ी में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जावे।