SCO समिट 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी ने हिंदी में संबोधन किया
SCO समिट 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी ने अपने संबोधन में भारतीय अर्थव्यवस्था यूक्रेन रशिया युद्ध और कोराना महामारी मैं पूरे विश्व में भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर और पूरे विश्व में सबसे तेजी से उभरता हुआ भारत को प्रदर्शित किया।
KTG समाचार, भवेन्दु त्रिवेदी, सूरत, गुजरात.
उज्बेकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन शुरू प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी समेत दुनिया के नेता चर्चा करने बैठे। दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में शुरू हो गया है। शुरुआत में सदस्य देशों ने ग्रुप फोटो ली। समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी कई देशों के शीर्ष नेताओं से बात करेंगे। इसके साथ ही भारत की ओर से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सभी देशों की संप्रभुता का मुद्दा भी शिखर सम्मेलन में रखा जाएगा। वहींएससीओ शिखर सम्मेलन में चीन के सैन्य एजेंडे जीएसआई पर ज्यादातर देश सहमत नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी ने एससीओ समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हिंदी में अपना भाषण को सम्बोधित करते हुए कहा की दुनिया कोरोना वायरस महामारी पर काबू पा रही है. कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान उत्पन्न हुए। उन्होंने कहा इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेश का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70 हजार से ज्यादा स्टार्ट आप है जिसमें 100 से अधिक यूनीकॉर्न हैं। इस क्षेत्र में हमारा अनुभव एससीओ देशों के काम आ सकता है। प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा कि एससीओ देशों को Millets उगाना चाहिए. ये एक ऐसा सुपरफूड है जो दुनिया पर छाए खाद्य संकट को दूर कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा कि दुनिया COVID-19 महामारी पर काबू पा रही है. कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान उत्पन्न हुए। हम भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा अप्रैल 2022 में WHO ने गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। डब्ल्यूएचओ द्वारा पारंपरिक उपचार के लिए यह पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था। भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करेगा। शिखर सम्मेलन के अंत में भारत इसकी अध्यक्षता ग्रहण करेगा। सितंबर 2023 तक भारत शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता करेगा।