क्या यह गांव भारत का सबसे अमीर गांव हैं ? जिसमें कोई ग़रीब नहीं बचा।: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी
इस गांव ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले, सायद सरपंच, सचिव, पटवारी, तहसीलदार ने गांव के हर ग़रीब वर्ग जो अपंग, लाचार, ग़रीब, विधवा, जिसका कोई बारिश नहीं को गोद ले लिया। इसलिए कोई ग़रीब नहीं बचा। वाह रे प्रशाशन गरीबों पर भारी मार।
पोहरी विधान सभा के ग्राम पंचायत झलवासा में एक भी ग़रीब नहीं वाह मेरे सरपंच, सचिव, पटवारी, तहसीलदार जी।
सरपंच सचिव की ऐसी चाल की जिसने भी उनकी सिकायत की उसको बीपीएल की सूची से नाम काट दिया।
क्या यह गांव भारत का सबसे अमीर गांव हैं ? जिसमें कोई ग़रीब नहीं बचा।
जिनके पास पक्के मकान नहीं झोपड़ पट्टी में पड़े हैं बो भी सरपंच सचिव के हिसाब से अमीर।
जो अपाहिज है अपंग है बो भी सरपंच सचिव के हिसाब से अमीर।
जो लाचार है जिनका कोई बारिश नहीं बो भी अमीर।
जो विधवा औरतें है जिनके छोटे छोटे बच्चे हैं घर में कोई कमाने वाला नहीं बो भी अमीर।
गांव में एक साथ 69 परिवारों को बीपीएल की सूची से बाहर किया गया है।
इस हटाने बाली प्रक्रिया में सरपंच, सचिव, पटवारी से लेकर पुष्टि कर्ता तहसील दार तक सामिल हैं जो लिस्ट की पुष्टि 2017 में कर चुके हैं। पटवारी ने नंबर दिए और पुष्टि तहसील दार ने की फिर आदेश जारी किया। फोटो में प्रदर्शित है।
गांव वालों का आरोप है की हमने जिस किसी ने भी राशन नहीं मिलने के कारण या राशन कार्ड न बनने के कारण या गांव में सड़क, नाली आदि चीजों के लिए आवाज उठाई बे सब लोग पात्रता की सूची से बाहर कर दिए गए। मतलब कि यह है कि जो कोई भी सरपंच सेक्रेटरी के खिलाफ जाता है उसे भी पात्रता की सूची से बाहर कर देते हैं और कुछ लोगों ने कहा की हमने रिन्यू कराने के लिए सचिव को कहा लेकिन सचिव ने कहा कि कोई भी काम फ्री में नहीं होता पैसे लगते हैं जब पैसे नहीं दिए तो लिस्ट से नाम हटवा दिया।
जब ग्राम पंचायत झलबासा के सचिव बद्री प्रसाद जाटव से जानकारी ली गई तो उन्हें ये बताने में भी कन्फ्यूजन थी कि झलबासा की तहसील कहां लगती है कभी बैराड़ तो कभी पोहरी बता रहे थे। जानकारी में पता चला की 69 परिवार बीपीएल सूची से बाहर किये हैं। जब पूछा कि जिसके यहां कमाने वाला कोई नहीं बच्चे भी छोटे पति भि नहीं है अपने अपात्र कैसे साबित कर दिया तो सचिव बोले पटवारी जी नंबर देते हैं उनने कम नंबर दिए हैं इसलिए सबके नाम कट चूके है। यह गरीबों पर भयंकर मार पड़ी है।