पखांजूर क्षेत्र में ओला कहर बनकर गिरा फसल मवेशी व घरों को बड़े पैमाने पर हुआ नुकसान

मक्के की फसल ओला में हुआ नुकसान

 गिरा ओला

कौशल सोनी, केटीजी समाचार

कांकेर।। विगत दो दिनों से क्षेत्र का खराब मौसम अचानक क्षेत्र के किसानों के लिए आफत बन गया। बुधवार की रात करीब 10 बजे क्षेत्र में जमकर वर्षा हुई साथ ही ओले भी गिरे। महज पंद्रह, बीस मिनट के ओला वृष्टी से क्षेत्र के कई हजार एकड़ में लगी मक्के की फसल और सब्जी पूरी तरह से तबाह हो गई, तो कई घरों के खपरे और सीट टूट गए। वैसे तो बुधवार की रात क्षेत्र भर में वर्षा और ओला वृष्टी हुई पर कुछ पंचायतों में ओलो का साईज काफी बड़ा था जिस कारण वह भारी नुकसान हुआ है। मंगलवार से क्षेत्र में चल रहा खराब मौसम अचानक किसानों के लिए बड़ी आफत बन गया। हर वर्ष दिसंबर जनवरी के महीने में मौसम खराब होना और वर्षा होती रही है पर इस वर्ष बारिश के साथ हुई ओलावृष्टी ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। क्षेत्र में पहली बार इतनी ओला वृष्टी हुइ जिससे इतना नुकसान हुआ है। लोगों ने भी पहली बार इतनी ओला वृष्टी देखी। अमुमन कभी क्षेत्र में ओले गिरे भी तो छुटपुट ही हुआ करती थी जिसमें कभी नुकसान नहीं होता था। पर बुधवार की रात करीब दस बजे अचानक तेज हवा के साथ वर्ष और ओलावृष्टी शुरू हो गई। वषार् तो करीब एक घंटे तक होती रही पर ओले पन्द्रह मिनट ही गिरे। इस पन्द्रह मिनट के ही ओलावृष्टी से क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी मक्के की फसल तबाह हो गई। इस ओलावृष्टी का सबसे अधिक असर ग्राम पंचायत बलरामपुर, बारदा, सत्यनगर, तथा मायापुर ग्राम पंचायत में हुआ है। इसके अलावा श्यामनगर, चाणक्यपुरी ग्राम पंचासत में भी असर रहा। ग्राम पंचायत बलरामपुर में तो जो ओले गिरे उनमें से कुछ ओलो का साइज आधा किलो के आस पास था। जिससे घरों के छप्पर टूट गऐ जिससे हो रही वषार् का पानी लोगों के घरों में चला गया और कई परिवार का सारा सामान कपड़े भींग गऐ। लोगों ने ओला वृष्टी से बचने के लिए पलंग के निचे सो कर रात गुजारी। इसके अलावा खेतों में लगे मक्के की फसल के साथ पेड़ों के पत्ते भी झड़ गऐ। बड़े बड़े गिरे ओले के कारण मक्के के उपर का हिस्सा पूरी तरह से टूट गया और मक्के के पत्ते भी गिर गए। छोटे मक्के तो पूरी तहर से तबाह हो गऐ। खराब हुई फसल में अब फल आने की कोई संभावना नहीं है। इसी प्रकार ग्राम सोहगांव में भी घरों के खपरे इस ओले के चलते टूट गऐ। ग्राम बलरामपुर में रात दस बजे ओलावृष्टी हुई पर दोपहर वाद भी गिरी बर्फ सड़कों के किनारे पड़ी रही। इस ओलावृष्टी से क्षेत्र के कई हजार एकड़ में लगी फसल पूरी तहर से तबाह हो गई। ओले से पेड़ों के पत्ते तक झड गऐ। मक्के की पूरी फसल में ओला गिरने के चलते मक्के के पूरे पत्ते तथा पौधा पूरी तहर टूट गए जिसमें अब फसल नहीं हो पाएगी। इसके अलावा खेतों में लगी सब्जी की फसल भी पूरी तहर से खराब हो गई। ग्राम पंचायत बलरामपुर में तो कोई घर नहीं बचा जिसे नुकसान नहीं हुआ हो। हर किसी के घर और फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया की इसके पूवर् तक जो भी प्राकृतिक आपदा आती रही है उसमें फसल को आंसीक क्षती हुआ करती थी पर पहली बार हुआ है की पूरी फसल ही तबाह हो गई है। किसान विधान राय भुवन बढ़ाई, सुधांसू मंडल, विजय वमर्न, आदि ने बताया की इतने बड़े बड़े ओला गिरते वे पहली बार देखा है सौ ग्राम से आधा किलो तक के ओले गिरे है जिस कारण ही फसल घरों के छप्पर टूट गए। ओला वृष्टी से किसानों को हुई तबाही के बाद प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया जैसे ही इसकी जानकारी प्रशासन को लगी रात ही प्रशासन के अधिकारी बलरामपुर व आस पास के गांव का दौरा किया। पखांजूर तहसीलदार शेखर मिश्रा ने बताया की सभी पटवारियों को मुआवजा प्रकरण बनाने के लिए निर्देश दे दिया गया है। क्षेत्र की कुछ पंचायतों में फसल को भारी नुकसान हुआ है पर कोई जनहानि नहीं हुई है सभी को मुआवजा देने का प्रकारण तैयार कराया जा रहा है। क्षेत्र में ओलावृष्टी से आई आपदा के बाद क्षेत्र के राजनैतिक दल भी सक्रिय हो गऐ है ब्लाक कांग्रेस कमेटी द्वारा इस संबध में अनुविभागीय अधिकारी पखांजूर को ज्ञापन सौंपा और पीड़ित परिवारों किसानों को उनके फसल का उचित मुआवजा देने की मांग की। वहीं आपदा की जानकारी लगते ही प्रशासनिक टीम तथा भाजपा के पूव प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी तथा मंतूराम पावर भी आपदा ग्रस्त क्षेत्र बलरामपुर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने खेतों में लगी फसल को भीे देखा जो ओलावृष्टी से पूरी तहर से खराब हो चुकी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रशासन से किसानों उचित मुआवजे के साथ साथ अन्य सुविधाएं दिलाने की मांग करते हुए कहा की। इस आपदा से किसानों की पूरी फसल खराब हो गई है हर परिवार को लाखों का नुकसान हुआ है ऐसे में प्रशासन इन किसानों को अच्छा मुआवजा दे ताकि इनके नुकसान की भरपाई हो सके।