सूरत न्यू सिविल में म्यूकोमाइकोसिस दवा की अपर्याप्त मात्रा
सूरत न्यू सिविल हॉस्पिटल में म्यूकार्माइकोसिस दवा की अपर्याप्त मात्रा
Ktg समाचार, भवेन्दु त्रिवेदी, सुरत, गुजरात.
शहर के नए सिविल अस्पताल ने अब तक म्यूकोमाइकोसिस के सैकड़ों रोगियों का इलाज किया है। इन मरीजों को सिविल से कुछ दवाएं दी जाती हैं ताकि डिस्चार्ज होने के बाद दोबारा संक्रमित न हों। हालांकि, लंबे समय से इन दवाओं से वंचित मरीजों को छुट्टी देने के बाद उनके परिजन अस्पताल की ओर दौड़ रहे हैं लेकिन दवा नहीं मिल रही है l सूरत में जहां कोरोना के मामले शांत हो रहे थे, वहीं दूसरी ओर म्यूकोमाइकोसिस अधिक आक्रामक और मरीजों पर भारी पड़ रहा था। उस समय सूरत का नया सिविल अस्पताल उन रोगियों को पर्याप्त दवा उपलब्ध नहीं करा रहा था जो ठीक हो चुके थे और जिन्हें म्यूकोमाइकोसिस से छुट्टी मिल गई थी।म्यूकोमाइकोसिस के रोगियों में बीमारी की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए डॉक्टर पोसा कोनाज़ोल नामक एक टैबलेट लिख रहे हैं। लेकिन अब नई सिविल व्यवस्था की बारी है कि मरीज के परिजनों को पर्याप्त दवा न देकर उसे परेशान किया जाए। दवा न लेने वाले रोगी में म्यूकोरिया की पुनरावृत्ति के डर से परिवार की चिंता बढ़ गई है।इस संबंध में नए सिविल अस्पताल की अधीक्षक डॉ. रागिनीबेन वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त मात्रा में पोसा कोनाजोल की गोलियां नहीं आ रही हैं l जिससे मरीजों को देने में देरी हो रही है।वर्तमान में दवा की खरीद और आपूर्ति स्थानीय स्तर पर की जा रही है। जिसे एडजस्ट कर मरीजों को दिया जा रहा है। हालांकि सरकार एक बार फिर दवाओं की कमी की ओर ध्यान दिलाएगी।उधर, सचिन जीआईडीसी समेत औद्योगिक क्षेत्रों के जिला प्रशासन की ओर से जिन श्रमिकों का टीकाकरण नहीं कराया गया है, उनके टीकाकरण की प्रक्रिया पिछले छह दिनों से बाधित है l कर्मचारी पिछले छह दिनों से प्रतिदिन सुबह टीकाकरण केंद्र पर आ रहे हैं और बिना टीकाकरण कराए ही लौट रहे हैं।राज्य सरकार ने एक तरफ औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों और कामगारों को 7 जुलाई तक टीकाकरण करने का आदेश दिया है, वहीं कई केंद्रों को सिस्टम से टीकों का अपर्याप्त स्टॉक होने के कारण बंद कर दिया गया है l