एमपी: बिजली बिल जमा (नो ड्यू) ना होने की स्थिति में नहीं लड़ पाएंगे पंचायती चुनाव, इस बात पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लगाए कई आरोप: KTG समाचार शिवपुरी एमपी

भोपालः मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर पहले और दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया दौर शुरू हो गया है. लेकिन चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों के लिए एक नया आदेश भी जारी हुआ है. जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है. यह मामला विद्दयुत विभाग से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने जानबूझ कर भारी भरकम बिल थमाए है और बिजली विभाग के मनमाने बिल देने का समर्थन किया है जिससे नो ड्यू ना मिल पाए और हम प्रत्यासी चिनाब से बाहर हो जाए।

एमपी: बिजली बिल जमा (नो ड्यू) ना होने की स्थिति में नहीं लड़ पाएंगे पंचायती चुनाव, इस बात पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लगाए कई आरोप: KTG समाचार शिवपुरी एमपी
पंचायती चुनाव

नोड्यूज प्रमाण-पत्र के बिना नहीं लड़ पाएंगे चुनाव 
दरअसल, पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए सभी दस्तावेज जमा करना जरूरी रहता है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसे लोग जिनके पास विद्युत वितरण कंपनियों का नोड्यूज प्रमाण-पत्र नहीं है वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. यानि जिन लोगों को चुनाव लड़ना है उन्हें बिजली का पूरा बिल जमा करना होगा और उसका नोड्यूज प्रमाण-पत्र नामांकन के साथ जमा करना अनिवार्य है, जो भी प्रत्याशी नोड्यूज जमा नहीं करेगा उसका नामांकन निरस्त हो जाएगा. इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. 

भारी-भरकम बिल थमाए जाने का लगाया आरोप 
नोड्यूज प्रमाण-पत्र के मुद्दे पर कांग्रेस ने एतराज जताया है, कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने कहा कि ''पहले सरकार जानबूझकर कांग्रेसी समर्थित नेताओं को ज्यादा भारी बिजली बिल थमा रही है, ताकि वो पंचायत चुनाव नोड्यूज न दे सके और चुनाव की दौड से बाहर हो जाए. अजय यादव ने कहा कि कई विभागों पर भारी भरकम बिल बकाया है, लेकिन उनको नोटिस नहीं भेजा जा रहा. लेकिन चुनाव लड़ने के लिए नेताओ को परेशान किया जा रहा है.  ये सरकार बिजली विभाग का राजनैतिक उपयोग कर रही है.''


बीजेपी ने किया पलटवार 
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया, ''बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कम से कम एक बात साफ हो गई कांग्रेस ने स्वीकार लिया कि उनके नेताओं पर सबसे ज्यादा बिजली बिल बकाया है, जिसको भी चुनाव लड़ना है उसे बिजली बिल पर पहले भरना होगा यह राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था है, इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. 


पंचायत निर्वाचन 2021-22 के तहत त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिये सरपंच, जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्य के अभ्यर्थियों को अपने नाम निर्देशन-पत्र के साथ संबंधित मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी को देय समस्त देनदारियों (शोध्यों) का नोड्यूज प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा. नोड्यूज प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर नाम निर्देशन-पत्र निरस्त कर दिया जायेगा.