कलक्टर ओला ने रोडवेज, परिवहन विभाग एवं महारावल विद्यालय का किया औचक निरीक्षण महारावल विद्यालय में शिक्षकों से हुए रूबरू, बच्चों को बड़े लक्ष्य हेतु प्रेरित करने के दिये गुर

कलक्टर ओला ने रोडवेज, परिवहन विभाग एवं महारावल विद्यालय का किया औचक निरीक्षण महारावल विद्यालय में शिक्षकों से हुए रूबरू, बच्चों को बड़े लक्ष्य हेतु प्रेरित करने के दिये गुर

कलक्टर ओला ने रोडवेज, परिवहन विभाग एवं महारावल विद्यालय का किया औचक निरीक्षण महारावल विद्यालय में शिक्षकों से हुए रूबरू, बच्चों को बड़े लक्ष्य हेतु प्रेरित करने के दिये गुर

Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर,राजस्थान डूंगरपुर, जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला ने शनिवार को डीटीओ कार्यालय, रोडवेज बस स्टैंड, डिपो तथा महारावल विद्यालय का औचक निरीक्षण किया तथा व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये। कार्यालय खुलते ही पहुंचे कलक्टर: जिला कलक्टर ओला प्रातः दस बजे तीजवड स्थित जिला परिवहन कार्यालय डूंगरपुर पहुंचे तथा कार्यालय में संपादित होने वाली गतिविधियों का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने जिला परिवहन कार्यालय में लाइसेंस बनने की प्रक्रिया, चारदीवारी परिसर क्षेत्र, परिवहन विभाग के अन्तर्गत आने वाला क्षेत्र, वाहनों की लगी सूची की रॉयल्टी, किस वाहन पर कितनी रॉयल्टी लगती है, जब्त किये जाने वाहनों पर होने वाली कार्यवाही आदि के बारें में जानकारी ली तथा आवश्यक निर्देश भी प्रदान किये। सुलभ शौचालय में सफाई, इंदिरा रसोई में देखी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता: इसके बाद कलक्टर ओला राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम केन्द्रीय बस स्टैंड एवं आगार कार्यालय पंहुचे और बस संचालन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने शिड्यूल, प्रतिदिन आय, प्रति किलोमीटर एवं प्रतिदिन संचालित किलोमीटर, यात्री भार के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने कार्यालय की साफ-सफाई, बस स्टैण्ड पर संचालित सुलभ शौचालय, सार्वजनिक महिला एवं पुरूष शौचालय, निगम की रिक्त पड़ी भूमि, केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर आवंटित की गई स्टॉल की प्रति माह की आय, बेबी फीडिंग रूम एवं इंदिरा रसोई घर का अवलोकन किया तथा वहां पर भोजन कर रहे लाभार्थी से भोजन की गुणवत्ता आदि के बारें में पुछा। उन्होंने इंदिरा रसोई की व्यवस्थाओं, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता, साफ-सफाई आदि की जानकारी ली तथा संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सुलभ शौचालय की साफ-सफाई की सराहना की। जिला कलक्टर ओला आगार डिपो का भी निरीक्षण किया। मुख्य प्रबंधक रोडवेज भंवर लाल जाट ने बताया कि कोरोना काल के बाद 10 जून से बसे फिर से शुरू हुई है। जिले में अभी बसों के 48 शिड्यूल चल रहे हैं, जिसमें 60 बसें संचालित है, जो रोजाना करीब 20240 किमी का सफर तय करती है और 9 हजार के करीब यात्री सफर करते हैं। इससे रोडवेज को प्रतिदिन 6.66 लाख की आय होती है। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में डूंगरपुर रोडवेज कोरोना के बावजूद मुनाफे में है। इसके बाद कलक्टर ओला ने डिपो का निरीक्षण करते हुए बसों के मेंटेनेंस कार्य को देखा और अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने वाहनों की स्थिति एवं तकनीकी कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र, निगम वाहनों के मॉडल, आगार कार्यशाला के परिसर में डामरीकरण एवं अन्य आवश्यकताओं के बारें में भी अवगत कराया, जिस पर कलक्टर ने आवश्यकताओं के संबंध में प्रस्ताव बनाकर भिजवाने के निर्देश प्रदान किये। इस अवसर पर रोडवेज परिसर में जिला कलक्टर ओला द्वारा पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर पर भरत राव प्रबंधन संचालन, पीयूष अवस्थी प्रबंधक यातायात, अब्दुल गफफार खां प्रबंधक प्रशासन, हर्ष चौबीसा कनिष्ठ सहायक मौजूद रहें। महारावल का किया औचक निरीक्षण: इसके पश्चात जिला कलक्टर ओला जिला मुख्यालय स्थित राजकीय महारावल विद्यालय पहुंचे तथा विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। संस्था प्रधान हरीश रोत ने संपूर्ण विद्यालय परिसर का अवलोकन करवाते हुए विद्यालय के प्रस्तावित खेल मैदान, छात्रावास एवं निर्माणाधीन कार्यो की जानकारी दी। इसके साथ ही विद्यालय में संपादित होने वाली विभिन्न गतिविधियों की भी जानकारी दी। संस्था प्रधान रोत ने बताया कि विद्यालयों में शिक्षकों के द्वारा विभिन्न विषयावार व्हाट्स अप ग्रुप बनाये गये है तथा उन पर बच्चों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने ग्यारहवीं एवं बारहवीं कक्षा के बच्चों के लिए बनाई जा रही कार्य योजना की भी जानकारी दी। इस पर जिला कलक्टर ओला ने महत्वपूर्ण दिशा निर्देश प्रदान किये। बच्चों से पढ़ाई एवं लक्ष्य की ली जानकारी: जिला कलक्टर ओेला ने विद्यालय में किसी आवश्यक शैक्षिक कार्य के लिये पहुंचे चार छात्र-छात्राओं से संवाद कर जानकारी ली। उन्होंने छात्राओं से ऑनलाईन करवाई जा रही पढ़ाई के बारें में भी जानकारी ली। साथ ही दो विद्यार्थी रणवीर एवं यतेष से पुछा कि किसी कक्षा में अध्ययनरत है, इस पर उन्होंने ग्यारहवीं कक्षा में होना बताया। कलक्टर ओला ने उन बच्चों से आगे के लक्ष्य के बारें में पुछा जिस पर रणवीर ने आईएएस बनने की बात कही। कलक्टर ओला ने कहा कितने घंटे पढ़ाई करते हो, इस पर बच्चों ने बताया पांच घण्टे, इस पर कलक्टर ओला ने कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इस पर बच्चों ने भी अपनी सहर्ष स्वीकृति दी। शिक्षकों से हुए रूबरू, बड़े लक्ष्य के लिए प्रेरित करने के सिखाये गुर: निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर ओला संकाय वार विद्यालय के सभी शिक्षकों के साथ रूबरू हुए तथा उनसे कोरोना काल के दौरान अध्ययन करवाने के तरीकों एवं आने वाली समस्याओं के बारें में विस्तारपूर्वक वार्ता कर जानकारी ली। उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों से संकाय वार बारी-बारी से रूबरू होते हुए जानकारी ली। विज्ञान एवं कला संकाय के शिक्षकों से संकाय वार छात्र-छात्राओं की संख्या, शिक्षकों की संकाय वार संख्या, रिक्त पद, स्थानीय कार्मिक आदि की जानकारी ली। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों की ग्रेडिंग, कमजोर बच्चों के लिए प्रयास, अतिरिक्त क्लास, शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने, इस हेतु बनाई गई योजना बनाने आदि के बारें में जानकारी ली। उन्होंने शिक्षकों से ऑनलाइन शिक्षण में बच्चों को किसी विषय को समझने में समस्या आने पर कैसे समाधान किया जाता है, बच्चें अमूमन 12 वीं के बाद क्या केरियर लाइन चुनते है, क्या कभी विद्यालय में पुराने विद्यार्थी जिन्होंने उपलब्धियां हासिल की है, उनसे रूबरू करवाया गया, प्रतियोगी परिक्षाओं हेतु उपलब्ध पुस्तकों आदि के बारें में जानकारी ली। जिला कलक्टर ओला ने कहा कि महारावल विद्यालय जिले का लीड विद्यालय है, ऐसे में इस विद्यालय को रोल मॉडल बनना होगा और बच्चों को बड़े लक्ष्य की ओर प्रेरित करने के लिए ऐसे कार्य करना होगा कि अन्य विद्यालय भी प्रेरित हो। उन्होंने कहा कि यहां के बच्चों में प्रतिभा बहुत है पर सही समय पर मार्गदर्शन आवश्यक है, ऐसे में शिक्षकों का दायित्व ओर भी अधिक बढ़ जाता है। जिला कलक्टर ओला ने कहा कि गुर देते हुए बताया कि बच्चों की ग्रेडिंग करते हुए कमजोर बच्चों पर अधिक फोकस करने, अतिरिक्त क्लास लेने, योजना बनाने, जिन बच्चों को ऑनलाइन में अधिक समस्या आ रही है उनसे व्यक्तिगत संपर्क कर समाधान करने, सरल शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने आदि के बारें में दिशा निर्देश प्रदान किये। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि बच्चों को बड़े लक्ष्य के लिए प्रेरित करें और इसके लिए पहले विद्यालय में ऐसा वातावरण निर्मित करें। इस हेतु ऐसे विद्यार्थी जो इस विद्यालय से पढ़कर आगे बढ़े है और बढ़े लक्ष्यों को अर्जित किया है, उन्हें सालान एक बार विद्यालय में बुलाया जाये तथा बच्चों से रूबरू करवायें। साथ ही समय-समय पर मोटिवेशन स्पीच का आयोजन करवायें। उन्होंने बच्चों को प्रतियोगी परिक्षाओं में काम आने वाली पुस्तकों से परिचित करवाने, समय-समय पर अभिभावकों के साथ बैठकें आयोजित करने, बच्चों में अच्छी किताबों को पढ़ने की आदत विकसित करने, बच्चों का उन्मुखीकरण कर लक्ष्य पर फोकस करने, पुस्तकालय को समृद्ध करने आदि के गुर बताते हुए कहा कि अगर बच्चों को ग्यारहवीं और बारहवीं में सही दिशा मिल जायें तो जीवन में बडा लक्ष्य अर्जित कर सकता है। जिला कलक्टर ओला ने कहा कि विद्यालय में बच्चों को कम से कम एक ऐसा खेल जरूर खेलाया जाना चाहिये जिससे न केवल उनका शारीरिक विकास हो वरन् उस खेल के माध्यम से बच्चों में असफलता को भी स्वीकार करने तथा उसमें सुधार कर जीवन में आगे बढ़ने की कला आ सकें। उन्होंने कहा कि आजकल ज्यादातर बच्चें अवसाद में इसलिए चले जाते है क्योंकि उन्हें असफलता को स्वीकार कर आगे बढ़ना सीखाया ही नही जाता। उन्होंने कहा कि खेल से बच्चों में यह आदत विकसित होती है जो जीवन में हमेशा मजबूत रहना सीखाती है। उन्होंने सभी शिक्षकों से एक योजना बनाते हुए बच्चों पर उनकी क्षमताओं के अनुरूप फोकस करते हुए बच्चों को प्रेरित करने के निर्देश दिये।