वेयर हाउस गोदामों में गेंहू का कितना है भण्डारण, शाखा प्रबंधक अंजान

वेयर हाउस गोदामों में गेंहू का कितना है भण्डारण, शाखा प्रबंधक अंजान

वेयर हाउस गोदामों में गेंहू का कितना है भण्डारण, शाखा प्रबंधक अंजान
वेयर हाउस गोदामों में गेंहू का कितना है भण्डारण, शाखा प्रबंधक अंजान

वेयर हाउस गोदामों में गेंहू का कितना है भण्डारण,
शाखा प्रबंधक अंजान
समर्थन मूल्य के तहत वर्ष 2021-22 में गेंहू का हुआ उपार्जन 
मध्य प्रदेश (सिंगरौली):- समर्थन मूल्य के तहत वर्ष 2021-22 में 12944 अन्नदाताओं से 4,35,394 क्विंटल गेंहू का उपार्जन अन्नदाताओं से किया गया है। जिसका भण्डारण वेयर हाउस के दर्जनभर गोदामों में किया गया, लेकिन हैरानी की बात है कि गेंहू के भण्डारण के संबंध में वेयर हाउस प्रभारी लोकेन्द्र सिंह अंजान बने हैं। उन्होंने गेंहू के भण्डारण की जानकारी मीडिया कर्मियों को देने से इंकार करते हुए सीधे नागरिक आपूर्ति निगम विभाग से संपर्क करने का सलाह देते हुए अपनी जबावदेही से पल्ला झाड़ लिया है। 
गौरतलब हो कि सिंगरौली जिले में 52 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से 12944 पंजीकृत किसानों से 4,35,394 क्विंटल गेंहू का उपार्जन किया गया है। साथ ही समर्थन मूल्य पर खरीदे गये गेंहू के गुणवत्ता  की जांच के लिए वेयर हाउस  गोदामों में पदस्थ सर्वेयरों के द्वारा किया गया। जहां तकरीबन 19 हजार क्विंटल गेंहू को गुणवत्ताविहीन मानते हुए रिजेक्ट कर दिया गया। यह गेंहू बैढऩ, मकरोहर, महुआगांव, बरगवां, गोड़बहरा, मझौली, रामगढ़, बाघाडीह, सखौहा, डिग्घी जैसे गोदामों में परिवहन कराकर भण्डारित कराया गया है। उक्त गोदामों में समर्थन मूल्य के तहत खरीदे गये गेंहू का भण्डारण कितना-कितना है। साथ ही किन समितियों में कितनी मात्रा में गेंहू खरीदी की गयी, उपार्जन समितियों द्वारा गेंहू का किस भण्डारण केन्द्र में कितने मात्रा में किस दिनांक को भण्डारण किया गया एवं कितना गेंहू पास एवं फेल पाया गया। रिजेक्ट गेंहू कहां रखा गया है। मीडिया कर्मियों ने जिला खाद्य अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम व वेयर हाउस प्रभारी से जानकारी लेने का सुझाव दिया। वहीं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक ने कुछ जानकारियां मुहैया कराये,किन्तु वेयर हाउस प्रभारी एक भी जानकारी मुहैया कराना उचित नहीं समझा। वेयर हाउस शाखा प्रभारी को वाट्सअप कर जानकारी मांगी गयी फिर भी उन्होंने जानकारी नहीं दिया। बल्कि अपनी विभाग की जबावदेही से पल्ला झाड़ लिया। गोदाम में खरीदी गेंहू का कितना भण्डारण हुआ है वे पूरी तरह से बेखबर हैं। सवाल उठ रहा है कि वेयर हाउस के जिम्मेदार अधिकारी जानकारी देने में परहेज क्यों किया है? इसके पीछे क्या राज है कहीं रिजेक्ट गेंहू को पास कराने के चक्कर में जानकारी देने से गुरेज कर रहे हैं। फिलहाल वेयर हाउस प्रबंधक की कार्यप्रणाली पर तरह-तरह की ऊंगली उठने लगी हैं। हालांकि यह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है और वेयर हाउस प्रबंधक की कार्यप्रणाली को लेकर विभाग की किरकिरी शुरू हो गयी है। 
फोन नंबर साझा करने पर प्रबंधक तरेरते हैं आंखें
वेयर हाउस बैढऩ के शाखा प्रबंधक किस बात को लेकर इतना गुरूर में रहते हैं कि यदि उनसे कोई फोन नंबर मांग लिया तो प्राइवेट व्यक्तियों को अपना मोबाइल नंबर देने से साफ मना कर देते हैं। वहीं सूत्र बताते हैं कि वेयर हाउस के कर्मचारी यदि प्रबंधक का नंबर किसी आम व्यक्ति को दे दिया और साहब को पता चल गया तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। इसीलिए उनके विभाग के कर्मचारी भी नंबर देने से सीधे मना करते हुए कहते हैं कि हमें नंबर देने से मना किया गया है डाट-फटकार नहीं खानी है। आखिरकार शाखा प्रबंधक मोबाइल नंबर साझा करने में गुरेज क्यों कर रहे हैं यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। वहीं चर्चा है कि ज्यादा वक्त पड़ोसी जिले सीधी में गुजरता है। समय-समय पर वेयर हाउस गोदामों का भी सतत् तरीके से मानीटरिंग नहीं करते। यह भी आरोप है कि रिजेक्ट गेंहू को पास कराने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत एक बड़ा खेल खेले जाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। इसके बारे में जिले के आलाधिकारी भी अंजान हैं।