भाजपा के राज में देश की एकता , राजनीतिक आजादी ओर संविधान खतरे में : का.सुमित्रा चोपड़ा

भाजपा के राज में देश की एकता , राजनीतिक आजादी ओर संविधान खतरे में : का.सुमित्रा चोपड़ा

भाजपा के राज में देश की एकता , राजनीतिक आजादी ओर संविधान खतरे में : का.सुमित्रा चोपड़ा

: युवा माकपा नेता एडवोकेट गौतमलाल डामोर चुने गए जिला सचिव

Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर, राज

डूंगरपुर ।भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दो दिवसीय 15 वे जिला सम्मेलन के समापन के अवसर पर माकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य- का.सुमित्रा चोपड़ा ने समापन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के राज में देश की एकता व संविधान के लिए खतरा पैदा हो गया है। संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी जिन पर है वह इसकी हत्या कर रहे हैं । कम्युनिस्ट पार्टी ने देश की एकता आजादी व संविधान बचाने के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से असंगठित मजदूरों ,किसानों, महिलाओं, छात्र , योजनाकर्मी को संगठित करने की आह्वान किया ओर कहा कि जाति, धर्म ,भाषा ,लिंग ,क्षेत्र के भेदभाव को मिटा कर जनता की व्यापक एकता का निर्माण करने का संकल्प लेकर संगठन का काम मजबूत करना होगा , जो देश में समानता पर आधारित समाज व्यवस्था का निर्माण कर सके। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र का नारा देने वाले ही हिंदू विरोधी है । देश के हिंदुओं को महंगाई ,बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और समानता से जकड़े हुए हैं । उन्होंने कहा कि हमें राजनीतिक तौर पर बराबरी का अधिकार संविधान ने दिया है ,लेकिन मौजूदा व्यवस्था में सभी को आर्थिक सामाजिक स्तर पर बराबरी का अधिकार नहीं मिला है।15 वे जिला सम्मेलन में आगे के संघर्ष के लिए प्रस्ताव लिए गये जिसमें तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने तथा एमएसपी खरीद गारंटी कानून बनाने तथा चार श्रमिक विरोधी कोड बिल को वापस लेने, पृथकतावादी अलगाववादी ताकतों तथा आंदोलन के उभार के खिलाफ, आदिवासियों की जमीनों को हथिया लिये जाने के खिलाफ व आदिवासियों के जमीन के पट्टे दिए जाने तथा जल के संपूर्ण अधिकार पर प्रस्ताव, आदिवासियों की समुचित विकास के लिए टीएसपी में 5वी अनुसूची को प्रभावी रुप से लागू करने व पेशा कानून व ग्राम सभा को मजबूत करने, साम्राज्यवाद तथा निजीकरण पर आधारित आर्थिक नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने,सभी बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिए जाने एवं नई शिक्षा नीति के खिलाफ संघर्ष करने, दक्षिण पंथी हिंदूत्व विचारधारा के खिलाफ लड़ने, लोकसभा मे 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को लागू करने,सहकारी समितियों द्वारा भ्रष्टाचार व लूटपाट पर रोक लगाने, संपूर्ण कर्जा माफी करवाने,जन आंदोलन तेज करने, पुलिस दमन के खिलाफ संघर्ष करने,बिजली बिलों में अनाप-शनाप बढ़ोतरी के खिलाफ , भारत की जनता के पेगासस जासूसी के खिलाफ संघर्ष करने,दलित व आदिवासी आंदोलन के दमन तथा दलित व आदिवासियों के कार्यकर्ताओं की अनाप-शनाप गिरफ्तारी पर रोक लगाने,जनतांत्रिक अधिकारों के दमन तथा अघोषित तानाशाही के खिलाफ लड़ने, फसल बीमा योजना में इस वर्ष फसल खराबे का पूरा मुआवजा दिये जाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि न्यूनतम 2500 रुपए करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,सहायिका, कुक कम हेल्पर ,साथिन,आशा सहयोगिनी को न्यूनतम वेतन 26000 रु महीना देने ,मिड डे मील वर्कर्स का बकाया मानदेय तुरंत जारी करने ,जिले में बुलेट ट्रेन में विस्थापित लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था करने, तथा 6 गुना मुआवजा दिया जाने आदि मांगों के प्रस्ताव लिए गये। सम्मेलन में 17 सदस्य नई जिला कमेटी का चुनाव किया गया । जिसमें एडवोकेट कॉमरेड- गौतमलाल डामोर को सर्वसम्मति से जिला सचिव चुना गया । सचिव मंडल में कॉमरेड अमृतलाल कलाल, बापुराम बंरडा , लक्ष्मण हड़ात,जिला कमेटी सदस्य- शंकर अहारी, बंशीलाल खराड़ी ,कांतिलाल खराड़ी ,भूपेश कटारा ,गंगाराम आमलिया, शिल्पा रोत,भगवती डामोर ,फाल्गुन भराड़ा, भूरा भाई खराड़ी ,रामलाल कलासुआ, लक्ष्मण कटारा, देवीलाल कटारा , गोविंद आमलिया आदि सर्वसम्मति सदस्य चुने गये।