एस. कुमार्स कंपनी अप्रैल माह से बंद, आर्थिक तंगी से परेशान श्रमिक, कम्पनी प्रबंधक से हुई वार्ता विफल
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
-श्रम अधिकारी ने उक्त मामले को उच्च श्रम आयुक्त इंदौर भेजा
देवास। कम्पनी एस.कुमार्स लिमिटेड को प्रबंधक द्वारा 1 अप्रैल 2021 से विद्युत सप्लाई बन्द करवाकर कम्पनी को बंद कर दिया गया। जो कि आज तक बंद पड़ी हुई है। जिससे कंपनी के श्रमिकों को आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। कंपनी चालू करवाने की मांग को लेकर युवा मजदूर संगठन के बैनर तले कंपनी के करीब 100 श्रमिकों ने शासकीय श्रम पदाधिकारी कार्यालय पहुंचे और कम्पनी चालू करवाने को लेकर चर्चा की। देवास श्रम पदाधिकारी ने श्रमिकों व कम्पनी प्रबंधन के बीच वार्ता कराई जो कि विफल रही। उक्त मामले को श्रम अधिकारी ने इंदौर श्रम आयुक्त के पास भेजा है।
संगठन प्रधानमंत्री दुर्गाशंकर शर्मा ने बताया कि कम्पनी प्रबंधन ने ना ही शासन से परमिशन ली और ना ही संगठन के पदाधिकारी से कोई सहमति ली। कानून का उल्लंघन करते हुए कम्पनी पूरी तरह उत्पादन बंद कर दिया गया। जिसकी सूचना 05 अप्रैल 2021 को संगठन द्वारा श्रम अधिकारी व जिला प्रशासन को दी गई व 1 जून 2021 को पुन: इस ओर ध्यान आकर्षित कराया गया, लेकिन जवाबदार अधिकारियों द्वारा कम्पनी पर आज दिनांक तक ऐसी कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई की श्रमिकों को अपना रोजगार उपलब्ध हो सके और श्रमिकों के परिवार का पालन पोषण हो सके। कम्पनी प्रबंधक द्वारा अपना उत्पादन भीलवाड़ा रंजन प्रोसेस में अपना कार्य व उत्पादन करवाकर देवास में ध्वनि टरफेन्स में कम्पनी की छाप लगाकर माल (कपड़ा) कटिंग करवाकर पार्टी को सेल किया जा रहा है। यह सूचना दिनांक 01.06.2021 के पत्र में हमने आपको अवगत कराया था, कम्पनी प्रबंधक ने तुरंत अपना प्रोसेस बुरहानपुर मील में करवाकर देवास लाकर कटिंग करवाकर कपड़ा सेल किया जा रहा है। यह सरेआम श्रमिकों के साथ अत्याचार व शोषण प्रबंधक द्वारा किया जा रहा है। यह एक प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विरूद्ध है। कम्पनी प्रबंधक द्वारा कहा गया कि कोरोना काल में कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब है। इस कारण जुलाई माह तक कंपनी चलाने में असमर्थ है। इस कारण आपको पूरा वेतन नहीं दिया जा सकता। तो दोनों संगठन व कम्पनी प्रबंधक के बीच आपसी समझौता करते हुए सैलरी एडवांस में 3800 / - रुपये 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक का वेतन प्रति श्रमिक देंगे और 1 अगस्त से कम्पनी पुन: यथास्थान चालू कर देंगे। परन्तु कम्पनी प्रबंधक द्वारा टालमटोल करते हुए कम्पनी चालु करने में असमर्थता जता रहे है व कम्पनी चालू करने के विषय में कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है। कम्पनी प्रबंधन द्वारा माह अप्रैल, मई और जून में सिर्फ 3200 रूपए ही श्रमिकों को दिए गए। कम्पनी में लगभग 400 श्रमिक है जो कि वर्तमान में बेरोजगार है। श्रमिकों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है।
श्रमिकों ने श्रम पदाधिकारी व कम्पनी प्रबंधन से मांग की है कि यदि प्रबंधक कम्पनी चालू करने में असमर्थ है तो श्रमिकों को व स्टाफ कर्मचारी को 01 अप्रैल 2021 से आज दिनांक तक पूरा वेतन दिलाया जावे या यथा स्थान कार्य उपलब्ध करवाया जावें। यदि हमारा रोजगार, कार्य और वेतन प्रशासन व कम्पनी प्रबंधक द्वारा नहीं दिया गया तो अब श्रमिकगण मजदूर हो चूके है। हमें मजबूरन ध्वनि कम्पनी में जो हमारा माल का आदान-प्रदान होता है उसको व वहां जो कार्य करवाते है उनको रोका जायेगा। इस कारण हम उग्र आंदोलन करने पर मजबूर है। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी एस.कुमार्स कारखाना प्रबंधक व जिला प्रशासन की रहेगी। कम्पनी के श्रमिक अप्रैल से अब तक लगभग 20 बार श्रम कार्यालय का चक्कर लगा चुके है, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला है। श्रमिकों ने गुरुवार को पुन: श्रम पदाधिकारी से चर्चा की, लेकिन वार्ता विफल होने के बाद श्रम पदाधिकारी ने उक्त मामले को उच्च श्रम आयुक्त इंदौर के पास भेजा है। इस अवसर पर सुभाष चौधरी, पवन चौधरी, मान सिंह धाकड़, रामविलास वर्मा, दीपक राठौड़, रणछोड़ पटेल, मुंशी खान, जगदीश बोंदा जी सहित बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।