एक साथ खिले 27 ब्रह्म कमल ,रहवासी व परिचितों ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की

एक साथ खिले 27 ब्रह्मकमल ,रहवासी व परिचितों ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की

एक साथ खिले 27 ब्रह्म कमल ,रहवासी व परिचितों ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की
एक साथ खिले 27 ब्रह्मकमल, रहवासी व परिचितों ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की
kTG सामाजिक लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। देवताओं की शक्ति वाला दुर्लभ ब्रह्मकमल शहर में महाजन परिवार के यहां खिला। ब्रह्मकमल हिमालय की वादियों में होता है और सिर्फ रात में खिलता है सुबह होते ही इसका फूल अपने आप बंद हो जाता है। अपनी विशेषताओं की वजह से यह दुनियाभर में लोकप्रिय है और लोग इसको देखने के लिए तरसते है। यह एकमात्र ऐसा फूल है, जिसकी पूजा की जाती है और जिसे देवताओं को नही चढ़ाया जाता। माना जाता है इसमें स्वयं देवताओं का वास होता रहता है। भगवान ब्रह्मा के नाम पर इस फूल का नाम ब्रह्मकमल पड़ा था। इस फूल के दर्शन मात्र से भक्तों की अनेक इच्छाएं पूरी हो जाती है। महाजन समाज के मीडिया प्रभारी अशोक गुप्ता ने बताया कि रामनगर स्थित हरीश महाजन व श्रीमती सरिता महाजन ने अपने निवास पर विगत 6 वर्ष पहले ब्रह्म कमल का पौधा लगाया गया था। शनिवार को ऋषि पंचमी के शुभ दिन रात्रि 10 बजे एक ही पौधे में एक साथ 27 ब्रह्म कमल खिले उठे। इतने ब्रह्मकमल एक साथ खिलना शुभ संकेत माना जाता है। इस वर्ष करीब 7 बार ब्रह्मकमल खिल चुके है। हर बार कभी 4, कभी 7  तो कभी 14 ब्रह्म कमल खिले, लेकिन पहली बार एक साथ 27 ब्रह्म कमल खिले, जो एक अच्छा संकेत है। इतने ब्रह्म कमल खिलने पर आसपास के रहवासी व परिचित देखने के लिए पहुंचे और दर्शन कर पूजा की। इस शुभ अवसर पर समाजसेवी मांगीलाल महाजन, कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद महाजन, विजय जी, ओमप्रकाश जी, संजय राठौर, श्रीमती शकुन, श्रीमती प्रेमलता, श्रीमती ममता गुप्ता, प्रीति व नीतिशा आदी ने दर्शन लाभ लिए। हैप्पी, लक्की महाजन, नेहा व सोनाली महाजन ने आरती की।