लोक समाज पार्टी द्वारा महंगाई और नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में की गई जनसभा।

लोक समाज पार्टी द्वारा  महंगाई और नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में की गई जनसभा।

KTG समाचार नरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश। 

प्रयागराज- लोक समाज पार्टी पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के महासचिव श्रीमती सरिता विजय विश्वकर्मा विधानसभा मेजा के अन्तर्गत बंधवा रोड में एक जनसभा का आयोजन कराई जिसकी अध्यक्षता जय स्वयं की। लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कमल नयन विश्वकर्मा राष्ट्रीय सचिव देवेंद्र कुमार शर्मा,विनोद विश्वकर्मा,राजेश विश्वकर्मा सत्यदेव,अरविंद पांडे,विनीता विश्वकर्मा, गीता देवी,सरस्वती देवी सुशीला, चंदन देवी,विनीता,आशा मनोज कुमारी, इंद्रदेव ,इंद्रावती ,नीलम प्रभावती,संतोष देवी,सावित्री ,संगीता वीना देवी,छोटेलाल,अवधेश कुमार विश्वकर्मा,रवि कुमार,सुनील कुमार,कमलेश कुमार विश्वकर्मा,राजेश पटेल उर्फ बुलबुल सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा ने कहा महंगाई ऐसी समस्या बन गई है कि आज आमजन ही नहीं मध्यम वर्ग भी परेशान है एक तरफ मोदी सरकार विकास का फर्जी डंका पीट रही है जबकि दूसरी तरफ आमजन महंगाई बेरोजगारी से परेशान है। वह ऐसी अर्थव्यवस्था मोदी सरकार ने ला दी है कि करीब-करीब देश की 75% जनता दो वक्त के खाना के लिए जूझ रहा है यही मोदी सरकार 2014 के लोकसभा के चुनाव में जगह-जगह यह नारा लिखवाई थी कि बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार लेकिन 26 मई 2014 से भारत सरकार की बागडोर संभालने के बाद मोदी सरकार की प्राथमिकता आम जनता मध्यम वर्ग ना होकर सिर्फ कारपोरेट घराने हुए जिनके दिन दूना रात चौगुना आमदनी हो रही है,वहीं आम जनता बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहा है

लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि भारत सरकार आमजन के परिवार को के बच्चे से एक प्रकार वास्तविक शिक्षा छीनने की तैयारी की है वह नहीं चाहती है कि आमजन के बच्चे अच्छे ढंग से पढ़ाई करके अच्छे डॉक्टर, इंजीनियर,वकील और नौकरशाह बने। सही मायने में मोदी सरकार संघ के इशारे पर नाच रही है और जिसका परिणाम यह है कि देश में आमजन के बच्चों को वह सिर्फ कारीगर ही बनाना चाहते हैं अगर कोई बच्चा किसी तरह से दसवीं 12वो कर भी लिया तो हायर एजुकेशन इतना महंगा है कि आमजन के बच्चो के बूते से पढ़ाई बाहर है ।भारत सरकार के चलाने वाले या उत्तर प्रदेश के चलाने वाले लोगों के जेहन में यह कहीं नहीं है कि आमजन के बच्चों को अच्छी शिक्षा और हायर एजुकेशन सस्ता दिया जाए जिससे लोग पढ़ सकें इनकी तो सोच है कि किसी तरह से इनको धर्म कर्म और पाखंडवाद में फंसाए रखो जिससे यह पढ़ने लिखने के अपने अधिकार को भूल जाएं और दिन रात दिन रात सिर्फ पाखंडवाद में फंसे रहे। भारत सरकार के समर्थक बहुत सारे लोग यह कहते हैं कि देश विश्व गुरु बन जाएगा लेकिन वे लोग विकसित देश बनाने की बात नहीं करते हैं। लोक समाज पार्टी का मानना है कि महंगाई को रोकने के लिए जस्टिस वी एम तारकुंडे की रिपोर्ट लागू होनी चाहिए तथा पूरे देश में एक समान शिक्षा नीति लागू करना चाहिए अगर नई शिक्षा नीति 2020 इतनी अच्छी है तो प्रश्न उठता है कि देश के नौकरशाह,राज्यों के गवर्नर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज,विदेशों में राजदूत सहित प्रधानमंत्री कार्यालय में नीति बनाने वाले नौकरशाहों के साथ कारपोरेट घरानों के बच्चे नई शिक्षा नीति के अंतर्गत क्यों नहीं लाए जाते रहे है? उनके लिए अलग कन्वेंट स्कूल स्कूल की व्यवस्था क्यों की जा रही है जब पूरे देश में एक रेल,एक सुप्रीम कोर्ट एक निर्वाचन आयोग है तो पूरे देश में एक नई शिक्षा नीति भी सभी लोगों के लिए लागू होनी चाहिए।