मंदिर स्थलों पर आरती व भगवान की स्तुति में झुमे श्रद्वालु

मंदिर स्थलों पर आरती व भगवान की स्तुति में झुमे श्रद्वालु

मंदिर स्थलों पर आरती व भगवान की स्तुति में झुमे श्रद्वालु

श्रद्वालुओं में दूसरे वर्ष भी रथ नहीं खेलने का रहा मलाल

Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर, राज

डूंगरपुर । जैन समाज के पर्युषण पर्व के समाप्ति के पश्चात तीन दिवसीय रथोत्सव मंगलवार रात से कोविड गाइड लाईन के अनुरूप प्रारंभ हुए। जिसके तहत पहले दिन घुमटा बाजार स्थित कोटडिया मंदिर तथा घाटी स्थित नेमिनाथ मल्लिनाथ युगल मंदिर के रथों की कमेटियों द्वारा विविध धार्मिक कार्यक्रम विधि विधान के साथ सम्पादित किये गये। बुधवार को दूसरे दिन दोनो रथो पर पूजा अर्चना के कार्यक्रम हुए इसके पश्चात कोटडिया मंदिर का रथ भण्डार कर दिया। जबकि घाटी स्थित युगल मंदिर का रथ भी देर शाम को पूजा अर्चना के बाद भण्डारण हुआ। वही फौज का बडला स्थित ऊण्डा मंदिर का रथ पूजा अर्चना के बाद मंदिर स्थल पर स्थापित किया गया।जहां धर्म प्रेमियो ने श्रीजी के दर्शन किये। इधर उदयविलास स्थित केसरीयाजी मंदिर में भी धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन हुआ। गुरूवार को ऊण्ड़ा मंदिर के रथ के भण्डारण के साथ तीन दिवसीय रथोत्सव के सांकेतिक कार्यक्रमों को विराम लगेगा। इधर इस बार भी कोविड के कारण प्रशासनिक स्तर पर नहीं मिली स्वीकृति के कारण धर्म प्रेमियो को खासा आघात लगा। क्यों कि जैन समाज के लिए पर्युषण महापर्व की समाप्ति के पश्चात रथोत्सव वर्ष पर्यन्त का सबसे बडा त्यौहार है। जिसमे वागड अंचल की सांस्कृतिक व धार्मिक संस्कृति का अनुष्ठा समावेश होने के साथ साथ वागड की संस्कृति से युवा पीढी को रूबरू कराया जाता है।