इंटरनेट पर अश्लीलता के खिलाफ सुनवाई अनश्चितकाल के लिए टली

हाई कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर दो जनहित याचिकाएं चल रही

इंटरनेट पर अश्लीलता के खिलाफ सुनवाई अनश्चितकाल के लिए टली
इंटरनेट पर अश्लीलता के खिलाफ सुनवाई अनश्चितकाल के लिए टली

KTG समाचार महू से अजहर नूर, एजाज़ खान, इफ्तिखार शेख की रिपोर्ट

इंटरनेट पर परोसी जा रही अश्लीलता को लेकर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में चल रही याचिकाओं में सुनवाई अनश्चितकाल के लिए टल गई है। पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि इसी मामले में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है। इन याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट भेज दिया जाए

मंगलवार को इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाओं को अनिश्चितकाल के लिए आगे बढ़ा दिया। कानून विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी स्थिति में अब जब तक सुप्रीम कोर्ट में चल रही याचिका में फैसला नहीं आ जाता तब तक हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं होगी।

हाई कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर दो जनहित याचिकाएं चल रही हैं। पहली मातृ फाउंडेशन नामक संस्था की ओर से दायर हुई है तो दूसरी दीपक जैन की तरफ से। याचिकाओं में कहा है कि थिएटर और मल्टीप्लेक्स में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों को प्रदर्शन से पहले सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट हासिल करना होता है लेकिन इंटरनेट पर चलने वाली फिल्मों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं होती है। इंटरनेट पर ओटीटी प्लेटफार्म पर जमकर अश्लीलता परोसी जा रही है। इन अश्लील फिल्मों के प्रचार-प्रसार के लिए जो प्रोमो दिखाए जाते हैं वे भी परिवार के साथ देखने लायक नहीं होते।

याचिकाओं में बालाजी टेलीफिल्म्स, नेटफ्लिक्स इंटरटेनमेंट, अमेजान सेलर सर्विस, उल्लू डिजीटल प्रा.लि., वायकाम 18 मीडिया, यू डिजीटल, जी इंटरटेनमेंट, यशराज फिल्मस प्रा.लि. को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाओं में कंपनियों द्वारा इंटरनेट पर परोसी जा रही इस अश्लीलता पर रोक लगाने की मांग गई है। पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर पहले से याचिका चल रही है। मंगलवार को हाई कोर्ट में चल रही याचिकाओं की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए आगे बढ़ा दी