बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा बैठक आयोजित कोविड प्रभावित पात्र बच्चों एवं परिवार के चिन्हिकरण में दे सहयोग

बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा बैठक आयोजित कोविड प्रभावित पात्र बच्चों एवं परिवार के चिन्हिकरण में दे सहयो

बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा बैठक आयोजित कोविड प्रभावित पात्र बच्चों एवं परिवार के चिन्हिकरण में दे सहयोग

KTG समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर राजस्थान डूंगरपुर,

जिला बाल संरक्षण इकाई डूंगरपुर की समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण इकाई सुरेश कुमार ओला की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक के प्रारंभ में सहायक निदेशक बाल अधिकारिता एवं जिला बाल संरक्षण इकाई लोहित ने विभाग द्वारा संचालित उत्कर्ष योजना, वात्सल्य योजना, बाल मित्र योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्कर्ष योजना के अंतर्गत कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के लिए पुनर्वास हेतु दो हजार रूपये प्रतिमाह दिए जाते हैं, इस हेतु बच्चों का चिन्ह करण किया जा रहा है। इसी तरह से वात्सल्य योजना में भावी पोषक दत्तक माता-पिता के चिन्हीकरण हेतु सदस्यों से आह्वान किया। उन्होंने बताया कि बाल मित्र योजना में पोस्को पीडि़तों की काउंसलिंग हेतु नियुक्ति की जानी है। इस पर जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला ने कहा कि कोविड के कारण कई परिवार एवं बच्चे प्रभावित हुए हैं। सरकार के द्वारा भी इनके लिए योजना का संचालन किया गया है जिसके अंतर्गत चिन्ही करण की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने सभी सदस्यों से आव्हान करते हुए कहा कि ऐसे में अपने आसपास या जानकारी में ऐसे पात्र बच्चें और परिवार को चिन्हित कर सुची उपलब्ध करवाएं, जिससे कि उन्हें लाभान्वित किया जा सकें। उन्होंने कहा कि ऐसी विकट घड़ी में हमें एक-एक पीडित की मदद करनी होगी उन्होंने कहा कि पीडित परिारों को अन्य योजनाओं यथा राजीविका, ग्रामीण पंचायती राज विभाग एवं अन्य योजनाओं के अन्तर्गत भी पात्र को लाभान्वित किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों के लिए कार्य कर रही संस्थाओं का व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए, जिससे सभी एक प्लेटफार्म पर आ सकें तथा पहुंच सुगम बन सकें। साथ ही इसमें सुझाव भी दिए जा सकते हैं। जिला कलेक्टर ओला ने कहा कि यहां पर अमूमन देखने में आता है कि पुरुष वर्ग रोजगार हेतु बाहर जाता है, ऐसे में महिलाओं एवं बालक को योजनाओं के संबंध में जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर विभिन्न योजनाओं के लिए जागरूक करने के लिए निर्देषित किया। बैठक में यूनिसेफ कंसलटेंट सिंधु बीनुजीत ने जानकारी देते हुए बताया कि यूनिसेफ के माध्यम से 14 पुलिस थानों में बाल हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर विभिन्न जगह कार्यशाला का आयोजन किया गया। 28 कोविड-19 पीडितों की मदद की गई एवं पुलिस थानों पर ग्राम रक्षक मित्रों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। सेव द चिल्ड्रन के हरीश चंदेरिया ने बताया कि बाल श्रम निषेध दिवस के तहत छः हजार लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से अवेयरनेस कैंपेन चलाया गया। साथ ही पांच हजार जरूरतमंद परिवारों का चिन्ह करण कर राशन एवं लर्निंग किट वितरण का कार्यक्रम शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेव द चिल्ड्रन के द्वारा 40 परिवारों को पालनहार से जोड़ने के लिए चिन्हित किया गया है। इस पर जिला कलेक्टर ओला ने सबसे न्यूनतम प्रगति वाली पंचायतों पर फोकस करने के निर्देश दिए साथ ही योजना बनाते हुए विजन के साथ कार्य करने के लिए भी निर्देशित किया बैठक में तपस सेवा संस्थान, मुस्कान संस्थान, चाइल्ड लाइन, पल्लव संस्थान नंदौड, बाल कल्याण समिति ने भी किए गए कार्यों की जानकारी दी। पीडो के प्रतिनिधि ने बताया कि ग्रुप के माध्यम से 20 परिवारों को आर्थिक सहायता के लिए चिन्हित किया गया है जिसमें आठ को लाभान्वित किया जा चुका है। साथ ही सीमलवाड़ा एवं चिखली में टीकाकरण हेतु वॉलिंटियर्स के माध्यम से जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है। उप अधीक्षक मोगा रामजी ने बाल संरक्षण मुद्दों पर जानकारी देते हुए बताया कि 51 मुकदमे दर्ज ह,ै जिसमें 29 में आरोप पत्र पेश किए जा चुके हैं। बाल श्रम में एक मुकदमा दर्ज है तथा बीटी कॉटन माइग्रेशन के लिए स्थाई चेक पोस्ट लगाए जाएंगे । उन्होंने बताया कि सेव द चिल्ड्रन के द्वारा कोविड-19 के बाद बच्चों के मुवमेंट बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई थी। इस पर दिए गए रूट पर समय-समय पर नाकाबंदी करके सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। इस पर जिला कलेक्टर ओला ने निर्देश दिए कि अगर कोई प्रकरण पकड़ में आता है तो इसकी न्यूज दें और सोशल मीडिया पर भी जानकारी दें, जिससे कि लोगों में जागरूकता आएं। उप अधीक्षक पुलिस विभाग मोगाराम ने बताया कि पुलिस विभाग के माध्यम से सुरक्षा सक्रिय अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक थाने पर 15 से 70 वर्ष आयु की महिलाओं को सदस्य बनाया गया है तथा उन्हें लैंगिक दुराचार के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। बैठक में सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अशोक शर्मा ने बताया कि पालनहार के लिए चिन्हीकरण की प्रक्रिया सतत जारी है। उन्होंने सेव द चिल्ड्रन से आग्रह किया कि झौंथरी व चिखली, जहां पर न्यून प्रगति है वहां कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जाएं। बैठक में सदस्य किशोर न्याय बोर्ड राजू खटीक अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति सदस्य बाल कल्याण समिति कल्पेश कुमार शुक्ला, श्रम विभाग के सैयद मोहम्मद अली, कालुशंकर मीणा, समन्वयक चाइल्डलाइन के मुकेश गौड, सेव द चिल्ड्रन के हरीश चंदेरिया, यूनिसेफ से सिंधु बिनुजीत, मुस्कान संस्थान के दिलीप जोशी, पल्लव संस्थान के प्रमोद भट्ट, यूनिसेफ के आकाश उपाध्याय, मन की उड़ान के प्रतिनिधि एवं समिति के सदस्य मौजूद रहें।