आजादी के 76 साल बाद भी नहीं बनी गांव की सड़क, ग्रामीण परेशान बीमारों को अस्पताल पहुँचाने वाली डायल-108 के पहुंचने का मार्ग भी नही यहां

आजादी के 76 साल बाद भी नहीं बनी गांव की सड़क

अनिल प्रजापति पारा । सरकार भले ही गांव -गांव तक विकास का दावा कर रही है किन्तू आज भी झाबुआ जिले के कई गांव मुलभुत सुविधाओ से दूर है । वही स्कूली बच्चे व ग्रामवासी परेशानी का सामना कर रहे है। ऐसा ही एक मामला झाबुआ जिला मुख्यालय से 20 किलो मीटर व रामा ब्लाक के पारा से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत झूमका के गांव बडी बांकी का है । जहा से पारा तक के पहुंच मार्ग हालत बहुत ही खराब है | यहा के बच्चों को भी टखने टखने तक कीचड़ मे होकर स्कुल जाना पड़ता वही ज्यादा बारिस होने पर यह स्थिति बहुत ही खतरनाक हो जाती है । कई बार बच्चे कीचड़ मे सने हुवे अपने घर व स्कुल पहुँचते है ।

वही ग्रामीण जनो को भी रोज मर्रा के जरुरी समान खरीदी के लिये 3 किलोमीटर दूर पास मुख्य बाजर पारा जाने मे परेशानी का सामना करना पड़ता है । सडक नही होने से जहा आवागमन के साधन नही होने से पेदल ही यात्रा करना होती है वही बिमार आदमी को लेजाने मे भी काफी परेशानी आती है कारण एम्बुलेंस अथवा डायल 108 भी यहा नही पहुँच पाती है जिससे ग्रामिण जन तेक्टर आदी से बिमार आदी को उपचार के लिये स्वास्थ्य केन्द्र लेकर जाते हैं । वही दुसरी तरफ झुमका फाटे से छोटी बांकी तक सडक बनी हुई है किन्तु बडी बांकी से छोटी बांकी के बिच मे 2 किलोमीटर का फासला है व उक्त मार्ग भी कच्चा कीचड़ वाला होने के कारण आवागमन सुलभ नही है । गांव के समाजिक कार्यकर्ता हमीरसिंह मुजाल्दा ने बताया गया की कई बार सोशल मिडिया ,मंत्री ,विधायक, और cm हेल्प लाइन पर भी इस बाबत शिकायत करवा चुके है| फिर भी अधिकारियो के कानो से जू तक नहीं रेंगी । कईबार cm हेल्प लाइन पर शिकायत करने पर भी उचीत कार्यवाही नहीं हुई| सिर्फ एक बार अधिकारी चर्चा के लिए फ़ोन लगाते है और हमारे कार्य छेत्र में नहीं है करके शिकायत को विलोपित कर दी जाती है| ग्रामवाशियो का कहना है की पंचायत राज विभाग सर्वे करके प्रस्ताव बनाकर लोक निर्माण विभाग को हस्तरांतरित करवा दे ताकि जल्द से रोड का निर्माण हो सके व आमजन आवागमन सुलभ हो सके। जिससे सरकार की जन हितेशी योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके।