देवास जिले मे सोशल मीडिआ प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक मैसेज व अन्य गतिविधियों को प्रतिबंधित करने हेतु प्रतिबंधात्मिक आदेश जारी
धार्मिक भावनाओं को भड़काने, विद्वेश फैलाने, साम्प्रदायिकता को ठेस पहुंचाने एवं सामाजिक सौहार्द ध्वस्त करने की भावना वाले मैसेज कोई भी लाइक या फारवर्ड नहीं करेगा
KTG समाचार आरिफ खान देवास मध्यप्रदेश
देवास 21 सितम्बर 2023/ देवास जिले में आगामी त्यौहारों में सामुदायिक एवं धार्मिक सद्भावना तथा लोक परिशांति बनाये के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री ऋषव गुप्ता ने देवास जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक मैसेज, संबंधी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने संबंधी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री गुप्ता ने आदेश जारी किये है कि कोई भी व्यक्ति विभिन्न इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्स एप, ट्वीटर, एस. एम. एस., इन्स्टाग्राम इत्यादि संसाधनों का दुरुपयोग धार्मिक भावनाओं को भड़काने, जातिगत विद्वेश फैलाने, साम्प्रदायिकता को ठेस पहुंचाने एवं सामाजिक सौहार्द ध्वस्त करने के लिये नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति उपरोक्त वर्णित सोशल मीडिया में किसी भी प्रकार के पोस्ट, संदेश, चित्र, ऑडियो या वीडियो सम्मिलित हैं, जिसमें धार्मिक भावनाओं को भड़काने, जातिगत विद्वेश फैलाने, साम्प्रदायिकता को ठेस पहुंचाने एवं सामाजिक सौहार्द ध्वस्त करने वाली भावनायें भड़क सकती हैं, को प्रसारित नहीं करेगा या नहीं भेजेगा।
सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक भावनाओं को भड़काने, जातिगत विद्वेश फैलाने, साम्प्रदायिकता को ठेस पहुंचाने एवं सामाजिक सौहार्द ध्वस्त करने की भावना भड़कती हों, को लाइक या फारवर्ड नहीं करेगा। ग्रुप एडमिन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के तहत भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगा।
उल्लेखनीय है कि आगामी त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए आगमी माह में गणेश उत्सव, नवदुर्गा मिलाद-उन-नबी, दशहरा, दीपावली आदि अन्य त्यौहारों पर फेसबुक, व्हाट्स एप, ट्वीटर, एस. एम. एस. इन्स्टाग्राम आदि के माध्यमों से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जायेगा तथा कुछ शरारती असामाजिक तत्वों के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक व आपत्तिजनक संदेशों/सूचनाओं का अनावश्यक आदान- प्रदान कर धार्मिक भावनाओं को भड़काने, जातिगत विद्वेश फैलाने, साम्प्रदायिकता को ठेस पहुंचाने एवं सामाजिक सौहार्द ध्वस्त करने की स्थिति उत्पन्न की जा सकती है। ऐसी परिस्थितियों में किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। अतः इन परिस्थितियों में शांति, सुरक्षा व्यवस्था एवं सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाना अपरिहार्य है।