लोक समाज पार्टी द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओ का कमसे कम वेतन 30 हज़ार रुपए प्रति माह किया जाय।

लोक समाज पार्टी द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओ का कमसे कम वेतन 30 हज़ार रुपए प्रति माह किया जाय।

KTG समाचार (ब्यूरो चीफ) - नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा, जिला- सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश।

जंतर मंतर नई दिल्ली-  में छत्तीसगढ राज्य की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के अनशन के समर्थन में लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा (एडवोकेट) उनके धरने में शामिल हुए और लोगो को संबोधित करते हुऐ कहा कि आंगनवाड़ी योजना भारत सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के द्वारा 1986 में लागू किया गया था और यह योजना पूरे भारतवर्ष में लागू है वेतन सभी राज्यों में एक समान नहीं है यहां तक कि दिल्ली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 11हजार प्रतिमाह से ज्यादा दिया जाता है वही छत्तीसगढ़ राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6 हज़ार रुपए प्रति माह जबकि सहायिकाओं का मात्र 3 हज़ार रुपए प्रति माह दिया जाता है। यह योजना पूरे देश में लागू है और यह केंद्र सरकार के द्वारा शुरुआत किया गया है तो यह केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है कि देश में विभिन्न राज्यों में लागू आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन सामान रहे और वह वेतन इस तरह से होना चाहिए कि इस आसमान छूती महंगाई बहाने सामना ठीक ढंग से कर सकें।

    उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार के प्रधानमंत्री नारी सशक्तिकरण और सबका साथ सबका विश विकास का नारा दिन रात पानी पी पीकर बोलते रहते हैं।जहां तक नारी सशक्तिकरण की बात है जब तक निचले स्तर पर काम कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओं का जीवन स्तर ऊपर नहीं उठेगा सब तक नारी सशक्त सशक्तिकरण की बात करना बैमानी होगा। वही सबका साथ सबका विकास के नारे पर लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा (ऐडवोकेट) ने कहा कि मोदी सरकार आम आदमी को गुमराह करने के यह नारा बोलते है। सच्चाई यह है कि साथ तो देश आम जन तो उनका साथ हर तरह से गुमराह होकर देती है लेकिन विकाश सिर्फ अडानी अंबानी जैसे लोगो को करके आम जन उनके फटे हाल पर छोड़ दिए हैं।

    लोक समाज पार्टी का विजन में वेतन के अंदर को बहुत कम रखा गया है सबसे निचले स्तर के कर्मचारी यानी चौथे अवसर के कर्मचारी का वेतन कम से कम 30000 प्रति माह, उसके अगले पायदान यानी तीसरी क्लास के कर्मचारी का वेतन 35 हज़ार प्रतिमाह, उसे अगले क्लास यानी क्लास 2 वर्ग अधिकारी का वेतन40 हज़ार रुपए प्रति माह तथा क्लास वन का वेतन 45 हज़ार रुपए प्रति माह से ज्यादा नही होना चहिए।

    उन्होने विधायिका के एमएलए & एमपी का भी वेतन 50_55 रुपए प्रतिमाह से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

   उन्होने उनको आश्वाशन दिया कि वे भारत सरकार से वेतन बढ़ोतरी और नियमित करने के लिए लिखित पत्र जरुर लिखेंगे। मंच का संचालन सुनीता साहू, संयोजक पार्वती पाठक, वीना साहू, कमला, विमला, रेखा, विमलेश कविता, मुन्नी बाई सहित हजारों महिलाएं मौजूद रहीं।

धन्यवाद।

रामजी लाल तिवारी

केंद्रीय कार्यालय प्रभारी।

8920651540 & 9911140170

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