रिवार्ड स्नातकोत्तर महाविद्यालय हनुमानगंज में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं मिशन शक्ति के अन्तर्गत कार्यशाला का हुआ आयोजन।
KTG समाचार (ब्यूरो चीफ) - नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा, जिला- सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश।
सुलतानपुर- 15 मार्च/रिवार्ड स्नातकोत्तर महाविद्यालय हनुमानगंज में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ खनिज अन्वेषण निगम लि. भारत सरकार के स्वतंत्र निदेशक डॉ. सीताशरण त्रिपाठी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में किया।
‘‘बालिक शिक्षा हेतु मिशन शक्ति अभियान‘‘ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के जो तीन मूल्य उद्देश्य-नारी सुरक्षा, नारी सम्मान व नारी स्वावलंबन है उस पर वर्तमान सरकार काम कर रही है, जिसका जीता जागता उदाहरण है कि सत्ता में बैठा एक सन्यासी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी नवरात्रि में कन्याओं के पैर धुल कर यह संदेश दिया है कि उनकी सरकार में नारी समाज सुरक्षित हैं। केन्द्र व प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए बहुत सारी योजनाओं को चलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।
बतौर मुख्य अतिथि जिला सूचना अधिकारी डॉ. धीरेंद्र कुमार यादव ने रिवार्ड स्नातकोत्तर महाविद्यालय हनुमानगंज में बालिका शिक्षा हेतु मिशन शक्ति अभियान के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि आधी आबादी को उपेक्षित करके करके कोई भी राष्ट्र आगे नही बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित किये बगैर देश, समाज को सशक्त नहीं किया जा सकता है। आर्थिक, शैक्षिक रूप से महिलाएं सशक्त होंगी तभी देश, समाज आगे बढ़ सकेगा। इस सबके लिए शिक्षा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता वास करते हैं (यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमत्ये तत्र देवता याति) यह कहा जाना अतिश्योक्ति नहीं सच्चाई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही आने वाली पीढ़ियां आगे बढ़ सकेंगी। जिला सूचना अधिकारी ने कहा कि एनएसएस का मूल उद्देश्य स्वयं के उत्तरदायित्व को एहसास कराना एवं आस-पास के लोगों को जागरूक करना है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने व उन्हें सशक्त बनाने के लिए विभिन्न माध्यमों से अनेक योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इसका असर है कि हर क्षेत्र में आज महिलाएं आगे हैं। उन्होंने छात्र/छात्राओं को डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध सामग्रियों यथा- कूकू एफएम, डेलनेट लाइब्रेरी, विकीपीडिया सहित अन्य तमाम आॅनलाइन माध्यमों को अपनी पढ़ाई में उपयोग करने की सलाह देते हुए कहा कि इसे अपनी तैयारियों को बेहतर करने में उपयोग कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि दर्शन साहू ने कहा कि बेटियों की शिक्षा को लेकर घर से बाहर तक लोगों की सोच बदलने की जरूरत है। उन्होंने बालिकाओं से भी कहा कि आपको कौन क्या कह रहा है इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। समय के साथ आप की उपलब्धियां आप की आलोचनाओं का जवाब दे देंगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार जायसवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के माध्यम से हम ग्रामीण परिवेश से जुड़कर वहाँ की समस्याओं, वहाँ के लोगों के रहन-सहन से अवगत होकर उनकी सहायता करते हैं। भारतवर्ष में कन्याओं को पढ़ने की आजादी नहीं थी। बालिका शिक्षा के लिये सबसे पहले आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने पहली आर्य कन्या का शुभारंभ किया। आज बालिकायें शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ रही हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य/निदेशक डॉ. एच.आर. यादव ने जहां सभी अतिथियों का स्वागत किया, वहीं उन्होंने इस महाविद्यालय की स्थापना के लिए कितना संघर्ष किया उसे विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि मैं अपने विद्यालय में अनुशासन हीनता बिलकुल बर्दाश्त नहीं करता। आज यही कारण है कि विद्यालय में छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ रहे हैं। इस अवसर पर जिन्होंने 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले विद्यालय के प्रतिभामान छात्र-छात्राओं को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।